
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल सही नहीं है. केंद्र ने कहा कि इसमें होने वाला छिड़काव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.
केंद्र ने कहा कि इसका इस्तेमाल बंद करने के लिए कल तक निर्देश जारी कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को इस मामले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट देश भर में मौजूद डिसइंफेक्शन टनल को बंद करने के लिए दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस मामले में कानून के एक छात्र ने अदालत में याचिका दाखिल की थी और इन सुरंगों को बंद करने की मांग की थी.
इस मामले में केंद्र ने खुद कहा कि ये टनल स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं हैं और तुरंत इसका इस्तेमाल बंद किया जाएगा.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान देश के कई सार्वजनिक स्थानों जैसे बाजार, मॉल, शॉपिंग मॉल और दूसरे जगहों पर ये टनल बनाया गया था. इस टनल से गुजरने के बाद ही कोई भी शख्स इन स्थानों पर प्रवेश कर सकता था. तभी डॉक्टरों ने कहा था कि इन टनलों का इस्तेमाल हानिकारक है.
वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हलफनामा
वहीं एक दूसरे मामले में कोरोना महामारी के बीच वरिष्ठ नागरिकों को मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट उपलब्ध कराने के दिए अपने आदेश पर अमल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 4 हलफनामा दायर करने को कहा है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये बड़ा देश है, हम हरेक केस को आर्टिकल 32 के तहत नहीं सुन सकते हैं. अदालत ने कहा कि राज्यों को अपने यहां रह रहे वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रखना चाहिए.