
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को समन जारी किया. ये कार्यवाही प्रतिद्वंद्वी पक्ष एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) की ओर से दायर याचिका कॉपीराइट उल्लंघन और साहित्यिक चोरी के मामले से संबंधित है.
जस्टिस मिनी पुष्करणा ने पीटीआई से इस मुकदमे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. एकल जज पीठ ने इस मामले पर अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है. एएनआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया है कि पीटीआई ने उसके उस वीडियो की नकल की है जिसमें दिल्ली-दरभंगा स्पाइसजेट विमान में यात्रियों को लगभग एक घंटे तक परेशानी झेलनी पड़ी थी. उस समय विमान का एयर कंडीशनिंग सिस्टम (एसी) काम करना बंद कर चुका था.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 19 जून, 2024 की है. उस समय देश का अधिकांश हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में था. स्पाइसजेट विमान में एसी ने काम करना बंद कर दिया था. जबकि विमान रनवे पर था. एएनआई का कहना है कि विमान के अंदर से वीडियो के लंबे और छोटे संस्करण उसके वीडियो पत्रकारों ने शूट किए थे. लेकिन जैसे ही उन्हें एएनआई के फीड पर भेजा गया और एक्स (ट्विटर) पर ट्वीट किया गया, पीटीआई ने भी समान वीडियो प्रकाशित कर दिए.
24 घंटे में वीडियो हटाने का दिया भरोसा
एएनआई ने 2 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना और पीटीआई को वादी (एएनआई) के किसी भी अन्य मूल कार्य को प्रकाशित करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा मांगी है. पीटीआई के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने अदालत में भरोसा दिया कि पीटीआई 24 घंटे में वीडियो हटा लेगा.
एएनआई की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम लाल और सिद्धांत कुमार ने की. इन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीटीआई को उन समाचार प्रकाशनों से भी माफी मांगते हुए स्पष्टीकरण देना चाहिए जिन्होंने इस वीडीओ क्लिप को पीटीआई फीड के रूप में समाचार रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
मध्यस्थता के लिए भेजना चाह रहा था कोर्ट
लाल ने तर्क दिया कि उन्हें इसे हटाना होगा और स्वीकार करना होगा कि यह हमारी एजेंसी का काम है. उन्हें माफी मांगनी होगी. उन्हें उन सभी अखबारों को लिखना होगा जिन्होंने पीटीआई फीड के रूप में रिपोर्ट प्रकाशित की है क्योंकि पीटीआई हमारी फीड चुरा रहा है.
राव ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि यह तो उल्टा केतली को काला कहने जैसा मामला है. राव ने कहा कि माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है. यहां कुछ और भी कहा जाना चाहिए. हमने कहा था कि यह वीडियो विमान में उस वक्त सफर कर रहे यात्रियों यानी किसी तीसरे पक्ष की सामग्री है.
हालांकि पीठ शुरू में दोनों समाचार एजेंसियों को मध्यस्थता के लिए भेजने के पक्ष में था. लेकिन एएनआई के वकील सीनियर एडवोकेट चंदर एम लाल ने इस सुझाव का विरोध किया. अदालत ने अंततः पीटीआई को समन जारी कर दिया. फिर लाल ने कहा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर बात करेंगे.