
राजकुमारी दीया कुमारी (Diya Kumari), ताज महल को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह नाम कल से चर्चा में है. अबतक जिस ताज महल को 'तेजो महालय महादेव मंदिर' बताया जा रहा था उसको राजकुमारी दीया सिंह ने अपना महल कहा है. राजकुमारी दीया सिंह का नाता जयपुर राजघराने से है, जिनका दावा है कि ताज महल बीते वक्त में उनके परिवार का महल था, जिसके कागजात उनके पास अब भी मौजूद हैं.
दीया सिंह के इस दावे ने जोर इसलिए पकड़ा क्योंकि ताज महल से जुड़ा मामला इस वक्त इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में है. इसपर आज 12 मई को भी सुनवाई होनी है. दरअसल, भाजपा नेता डॉक्टर रजनीश सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है. इसमें कहा गया है कि ताजमहल के 22 कमरे ऐसे हैं जो लंबे वक्त से बंद हैं. आगे मांग है कि उनको खोलकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराया जाए.
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याचिकाकर्ता रजनीश सिंह का कहना है कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं. जो इसके मंदिर होने के दावे पर रोशनी डाल सकते हैं.
राजकुमारी दीया कुमारी ने किया नया दावा
ताज महल का मामला अभी हाईकोर्ट में था ही कि राजकुमारी दीया कुमारी ने बड़ा दावा करके सनसनी मचा दी. राजकुमारी दीया कुमारी ने कहा कि ताजमहल जयपुर के पूर्व राजपरिवार का एक महल था, जिसपर शहाजहां ने कब्जा कर लिया था.
दीया कुमारी ने आगे कहा कि उस वक्त मुगलों की ही सरकार थी इसलिए राजपरिवार ज्यादा विरोध नहीं कर सका. राजकुमारी ने आगे यहां तक रहा कि उनके ट्रस्ट में पोतीखाना है, जहां इससे संबंधित दस्तावेज रखे हैं. अगर जरूरत पड़ेगी तो वह ये दिखाने को भी तैयार हैं.
कौन हैं दीया कुमारी
दीया कुमारी का संबंध जयपुर राजघराने से हैं. मान सिंह जो मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल थे यह उनका राजघराना था. इसे पहले आमेर और बाद में जयपुर के नाम से जाना गया. इसी परिवार में जन्म हुआ पूर्व महाराज सवाई भवानी सिंह का, जिनकी पत्नी का नाम पद्मिनी देवी है.
जयपुर राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज बताता है. कहा जाता है कि जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज थे. यह बात राजघराने के कई लोगों ने स्वीकार भी की है.
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महाराजा सवाई भवानी सिंह 24 जून 1970 से 28 दिसम्बर 1971 तक जयपुर के महाराजा रहे. दीया कुमारी भवानी सिंह व पद्मिनी देवी की ही इकलौती संतान हैं. भवानी सिंह के कोई बेटा नहीं था, इसलिए दीया कुमारी के बेटे को ही 2011 में अपना वारिस घोषित कर दिया था.
दीया कुमारी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और जयपुर से की. उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गई थीं.
चर्चा में रही थी लव मैरिज, 21 साल बाद हुआ तलाक
दीया कुमारी ने 1997 में नरेंद्र सिंह से गुपचुप तरीके से कोर्ट में शादी की थी. नरेंद्र सिंह का राजपरिवार से कोई संबंध नहीं था इसलिए राजकुमारी का इस तरह एक आम आदमी से शादी करना तब चर्चा का विषय बन गया था.
दोनों की मुलाकात Maharaja Sawai Man Singh II Museum में हुई थी. तब नरेंद्र ग्रैजुएशन के बाद संग्रहालय ट्रस्ट में ट्रेनिंग के लिए आए थे. रिश्ते में सब ठीक चल रहा था. लेकिन 21 साल बाद 2018 में दोनों ने आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया.
दीया और नरेंद्र के तीन बच्चे हैं. इसमें बड़ा बेटा पद्मनाभ और छोटा बेटा लक्ष्यराज सिंह शामिल है. उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम गौरवी है. दीया के पिता भवानी सिंह का निधन 2011 में हो गया था. फिर गद्दी के वारिस के तौर पर पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ.
राजघराने से राजनीति तक का सफर
दीया कुमारी ने अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा. भारतीय जनता पार्टी की नेता दीया कुमारी पहले सवाई माधोपुर से विधायक बनीं. फिर अब मौजूदा वक्त में वह राजसमंद से लोकसभा सांसद हैं. 2019 के चुनाव में उनको 5,519,16 वोटों से जीत मिली थी.