Advertisement

डॉक्टर कफील खान बोले- सम्मान के साथ वापस की जाए नौकरी, बाकी आरोपी हो गए बहाल

डॉक्टर कफील ने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने अपनी जांच में स्वीकार किया कि छुट्टी के बावजूद उस रात मैं अस्पताल पहुंचा. मेरे खिलाफ लगाए गए चिकित्सीय लापरवाही के आरोप निराधार पाए गए. सम्मान के साथ मेरी वापसी कराई जाए.

डॉ. कफील खान डॉ. कफील खान
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 23 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST
  • पूरे सम्मान के साथ नौकरी वापस दी जाए
  • "बर्खास्तगी को जल्द रद्द करे यूपी सरकार"

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में योगी सरकार ने आरोपी डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया था. डॉ. कफील ने कहा है कि मैं न्याय पाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा. उन्होंने यूपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि बर्खास्तगी जल्द रद्द की जाए. साथ ही पूरे सम्मान के साथ नौकरी वापस दी जाए.

Advertisement

डॉक्टर कफील ने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने अपनी जांच में स्वीकार किया कि छुट्टी के बावजूद उस रात मैं अस्पताल पहुंचा. मेरे खिलाफ लगाए गए चिकित्सीय लापरवाही के आरोप निराधार पाए गए. उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक नहीं पता कि किन आरोपों में बर्खास्तगी का फैसला लिया गया है.

डॉक्टर कफील खाना का कहना है कि मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसके बावजूद यह फैसला लिया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई सात दिसंबर को होनी है. 

हरी झंडी मिलन के बावजूद कार्रवाई

डॉक्टर कफील खान का कहना है कि इस मामले में कई जांच समितियों से हरी झंडी मिलने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जबकि इस केस में अन्य आठ आरोपियों को बहाल कर दिया गया. डॉक्टर कफील का कहना है कि आरटीआई (RTI) से उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की. उन्हें जांच में प्रस्तुत किया. 

Advertisement

डॉ. कफील के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल के अपने फैसले में स्वीकार किया था कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण लिक्विड ऑक्सीजन की कमी हुई थी. जिसकी वजह ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता को बकाया राशि का भुगतान न करना था.  इतना ही नहीं, सीमा सुरक्षा बल ने भी स्वीकारा कि मैं उनसे मदद मांगने गया था. 

डॉक्टर कफील ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे बर्खास्त करने के पीछे कारण बताया गया कि मैं आठ अगस्त 2016 तक प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा था. और इंसेफलाइटिस वार्ड का प्रभारी था.  जबकि मुझे इस पद के लिए कभी नियुक्त ही नहीं किया गया. हालांकि मेरे प्रयासों को देखते हुए भ्रष्टाचार के आरोप हटा लिए गए. उन्होंने कहा कि उन्हें सम्मान के साथ नौकरी वापस की जाए.
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement