
कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के मोलकालमुरु में एक सरकारी अस्पताल की वीडियो वायरल हो रही है. वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल बिजली संकट से जूझ रहा है और गंभीर संकट के कारण, अस्पताल कर्मी और मरीज परेशान हैं. 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थिति गंभीर है. यहां मेडिकल कर्मी मरीजों की जांच करने के लिए टॉर्च, मोबाइल फोन टॉर्च और मोमबत्ती जला रहे हैं.
अस्पताल के अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया गया है क्योंकि जनरेटर लगभग एक सप्ताह से खराब पड़ा हुआ है. भारी बारिश के बाद बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई. विधायक एनवाई गोपालकृष्ण का दावा है कि अस्पताल में केवल 100 किलोवाट का जनरेटर है, जबकि अस्पताल में 100 से अधिक बिस्तर हैं और 250 किलोवाट जनरेटर की आवश्यकता है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्सक भाजपा से जुड़े हुए हैं और उनकी छवि खराब करने के लिए उन्होंने इस मुद्दे से स्थानीय विधायक को अवगत नहीं कराया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए, कांग्रेस विधायक एनवाई गोपालकृष्ण ने कहा कि वह सरकार को एक प्रस्ताव सौंपेंगे, जिसमें 250 किलोवाट जनरेटर की स्थापना की मांग की जाएगी. उन्होंने मौजूदा समस्या के लिए पूर्व विधायक को जिम्मेदार ठहराया. वह अस्पताल का निरीक्षण करने भी गए थे और डॉक्टर से उनकी नोकझोंक भी हुई थी. गोपालकृष्ण ने कहा कि, “अस्पताल जाकर निरीक्षण करना मेरा कर्तव्य था, मरीजों के सामने डॉक्टर बहुत अभद्र व्यवहार करता था. इसलिए मैंने उन्हें सलाह दी कि एक डॉक्टर होने के नाते उन्हें ऐसे अभद्र शब्द नहीं बोलने चाहिए,''
उन्होंने डॉक्टर पर स्थिति का राजनीतिकरण करने और उनकी छवि खराब करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. हालाँकि, उन्होंने कहा कि बाद में डॉक्टर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी मांगी. इस बीच, बीजेपी ने इस घटना को लेकर कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. बीजेपी ने अस्पताल की तस्वीरें और वीडियो ट्वीट किए. बीजेपी ने X पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि, "एक साल की गारंटी, अंधकार भाग्य' यह कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की ओर से एक उपहार है जो अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है! मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच गई है कि अस्पतालों को भी बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. खजाना खाली है, और बिजली नहीं है! यह चोंबू' (पानी का गोल बर्तन) और चिप्पू (नारियल का खोल) सरकार है!'',
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को 'चोम्बू' सरकार कहा था, जो शून्यता का प्रतीक है. बदले में, भाजपा ने सिद्धारमैया शासन को "चिप्पू" सरकार कहते हुए एक अभियान चलाया.