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पूजा खेडकर के बाद 6 और अफसरों की बढ़ी मुसीबत, DOPT ने शुरू की मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच

यूपीएससी पूजा खेडकर की नियुक्ति रद्द कर चुका है. इस बीच अब ऐसे 6 और अफसरों के मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच शुरू हो गई है, जिनके नाम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में उछाले जा रहे थे. इन अफसरों के सर्टिफिकेट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे.

पूजा खेडकर (File Photo) पूजा खेडकर (File Photo)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

धांधली, जालसाजी और फर्जीवाड़े के इल्जामों के बाद हटाई गईं पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर 6 और अफसरों की मुसीबत बढ़ा गई हैं. पूजा खेडकर का केस सामने आने के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने 6 दूसरे अफसरों के मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच शुरू कर दी है.

सूत्रों के मुताबिक जिन अफसरों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की गई है, उनका नाम और उनके प्रमाण पत्र पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे थे. सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद कुछ प्रोबशनर्स और कुछ सेवारत अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण पत्र अब जांच के दायरे में आ गए हैं.

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इम्तेहान या चयन में शामिल होने पर रोक

बता दें कि पूजा खेडकर पर फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन यानी यूपीएससी ने ट्रेनी आईएएस की नियुक्ति रद्द कर दी है. यूपीएससी ने ना सिर्फ उनकी उम्मीदवारी रद्द की, बल्कि आगे भी उसके किसी इम्तेहान या चयन में शामिल होने पर रोक लगा दी है.

पूजा ने बदल डाला था माता-पिता का नाम

यूपीएसपी के मुताबिक पूजा खेडकर का मामला अकेला ऐसा केस है, जिसमें यूपीएससी उनके दावेदारी की पहचान नहीं कर सका, क्योंकि पूजा ने सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था. यूपीएससी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजों की शुरुआती जांच से ये साफ हो चुका है कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन यानी सीएसई-2022 के नियमों का उल्लंघन किया.

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30 जुलाई को पक्ष रखने नहीं पहुंची पूजा

यूपीएससी ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को इस सिलसिले में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि आखिर उन्होंने कैसे फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदल कर लिमिट से ज्यादा बार यूपीएससी की परीक्षाओं में हिस्सा लिया? उन्हें अपना जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक वक्त दिया गया था, हालांकि पूजा ने 4 अगस्त तक का वक्त मांगा था. जिस पर यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई की दोपहर साढ़े तीन बजे तक का समय दिया था, ताकि वो अपना पक्ष रक सकें, लेकिन इसके बावजूद पूजा ने अपनी बात नहीं रखी और यूपीएससी ने उनकी नियुक्ति ही रद्द कर दी.

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