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लिव इन में रहने वालों पर दर्ज हो सकता है दहेज हत्या का केस, इलाहाबाद HC का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक शख्स के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और हत्या के आरोप में FIR दर्ज कराया गया. इसमें आरोप लगाया गया कि शादी के लिए दहेज मांगने से तंग आकर पीड़िता ने खुदकुशी कर ली. इसके बाद आरोपी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो) इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:58 AM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि पति-पत्नी की तरह लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों पर भी दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि दहेज हत्या के केस के लिए जोड़े को पति-पत्नी की तरह जीवन यापन करना ही पर्याप्त है. यह आदेश जस्टिस राजबीर सिंह ने आदर्श यादव की अर्जी को खारिज करते हुए दिया है.

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आरोपी ने दायर की थी याचिका

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में याची के खिलाफ दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया गया था. इसमें आरोप लगाया गया कि शादी के लिए दहेज मांगने से तंग आकर पीड़िता ने खुदकुशी कर ली. पुलिस ने दहेज हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल की. ट्रायल कोर्ट ने याची की वो याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपराध से छुटकारा दिए जाने की गुजारिश की थी. 

याचिकाकर्ता का कहना था कि वह कानूनी तौर पर पीड़िता का पति नहीं है इसलिए उस पर दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न का केस नहीं चलाया जा सकता. सरकारी वकील का कहना था कि मृतका की शादी कोर्ट के जरिए हुई थी. दहेज के लिए आवेदक मृतका को प्रताड़ित करता था, इसलिए पीड़िता ने खुदकुशी कर ली. विवाह की वैधता का परीक्षण ट्रायल में ही हो सकता है.

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यह भी पढ़ें: 'किस परिस्थिति में याचिकाकर्ता के घर को गिरा दिया गया..., बुलडोजर एक्शन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी सख्त

'पति ही नहीं रिश्तेदार भी...'

कोर्ट ने कहा कि केवल पति ही नहीं बल्कि उसके रिश्तेदार भी दहेज हत्या के लिए आरोपित हो सकते हैं, भले ही यह मान लिया जाए कि मृतका कानूनी रूप से विवाहित पत्नी नहीं थी. साक्ष्य है कि वे पति और पत्नी की तरह एक साथ रह रहे थे, इसलिए दहेज हत्या के प्रावधान इस मामले में लागू होंगे.
 

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