
जम्मू में वायुसेना के एयरबेस पर हाल ही में हुए ड्रोन अटैक के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं. इस अटैक के बाद भी जम्मू के कुछ हिस्सों में ड्रोन देखा गया है. इस बीच अब इस मामले में रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) एक्टिव हुआ है और उसके एंटी-ड्रोन सिस्टम की चर्चा जारी है. इस एंटी ड्रोन सिस्टम की क्या खासियत है, इस मसले पर आजतक ने डीआरडीओ की महानिदेशक जी. मंजुला से बातचीत की.
ऐसे काम करेगा ये एंटी ड्रोन सिस्टम...
जी. मंजुला इस एंटी-ड्रोन सिस्टम पर पिछले तीन साल से काम कर रही हैं. उनके मुताबिक, यह सिस्टम तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाकर उसे जाम कर देता है. इसके साथ ही यह सिस्टम 1 से 2.5 किमी. के दायरे में आए ड्रोन को अपनी लेज़र बीम से निशाना बनाते हुए उसे नीचे गिरा देता है.
क्लिक करें: जम्मू अटैक: एयर बेस के करीब से लॉन्च किए गए थे ड्रोन, जानिए क्या था आतंकियों का मकसद
DRDO ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जो या तो जैमिंग कमांड के माध्यम से माइक्रो ड्रोन्स को नीचे ला सकती है या लेजर पर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार के माध्यम से ड्रोन्स के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण को नुकसान पहुंचा सकती है.
निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम...
जी मंजुला ने बताया कि अगले 6 महीनों में ये सेनाओं को मिल सकता है. डीआरडीओ ने अपने एंटी-ड्रोन सिस्टम का उत्पादन भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) को सौंपा है. डीआरडीओ अपने इस सिस्टम की तकनीक निजी कंपनियों से साझा करने के लिए भी तैयार है, इसके लिए निजी कंपनियों को उससे लाइसेंस लेना होगा.
DRDO की ओर से विकसित इस एंटी-ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) की तैनाती 2020 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वीवीआईपी लोगों को सुरक्षा देने के लिए हुई थी. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम पहुंचे थे, उस समय भी इस सिस्टम को वहां लगाया गया था. वहीं इस साल रिपब्लिक-डे परेड के दौरान भी इसकी सेवा ली गई थी.
क्या बोले आर्मी चीफ?
ड्रोन अटैक को लेकर आर्मी चीफ एम.एम. नरवने ने कहा है कि ड्रोन का उपयोग तेज़ी से हो रहा है. सेना की ओर से ड्रोन के रक्षात्मक और आक्रामक इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, साथ ही इसे काउंटर करने के लिए काम चल रहा है. एम.एम. नरवने ने कहा कि एलओसी पर हमारी ओर से बातचीत की जा रही है, हाल ही में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कम हुई है और आतंकी गतिविधि में भी कमी आई है.
गौरतलब है कि जम्मू के जिस एयरबेस पर ड्रोन अटैक हुआ था, अब वहां पर एंटी ड्रोन सिस्टम, जैमर और अन्य हथियारों की तैनाती कर दी गई है. एयरबेस के अलावा भी जम्मू के कुछ इलाकों में ड्रोन की गतिविधियों को देखा गया था, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर इस मसले पर चर्चा की थी.