Advertisement

DRDO ने MSQAA को सौंपी आकाश वेपन सिस्टम के सीलबंद विवरण की अथॉरिटी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएचएसपी ट्रांसफर को एक ऐतिहासिक घटना करार देते हुए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • हैदराबाद,
  • 04 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 03 दिसंबर, 2022 को हैदराबाद में मिसाइल सिस्टम क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी (MSQAA) को आकाश वेपन सिस्टम (भारतीय सेना संस्करण) के सीलबंद विवरण (AHSP) रखने की अथॉरिटी को सौंप दिया है. ये हैंडओवर अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) में किया गया, जिसने एक नोडल एजेंसी के रूप में, आकाश वेपन सिस्टम को डिजाइन और विकसित किया है. एएचएसपी ट्रांसफर के हिस्से के रूप में तकनीकी स्पेसिफिकेशन और क्वालिटी दस्तावेज और कंप्लीट वेपन सिस्टम एलिमेंट की ड्राइंग को प्रोजेक्ट आकाश द्वारा एमएसक्यूएए को सौंप दिया गया था. 

Advertisement

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएचएसपी ट्रांसफर को एक ऐतिहासिक घटना करार देते हुए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने प्रोजेक्ट आकाश टीम को मिसाइल क्लस्टर से एमएसक्यूएए में मिसाइल और मल्टीपल ग्राउंड सिस्टम वाली ऐसी जटिल प्रणाली के लिए पहले एएचएसपी ट्रांसफर के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, स्थानांतरण प्रक्रिया भविष्य की मिसाइल प्रणालियों के लिए रोडमैप को सक्षम करेगी, जो कि उत्पादन के अधीन हैं. 

आकाश पहली अत्याधुनिक स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो लगभग एक दशक से सशस्त्र बलों के साथ भारतीय आसमान की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान कर रही है. इसे भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना द्वारा 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मूल्य के साथ शामिल किया गया है, जो स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के लिए सबसे बड़े एकल सिस्टम ऑर्डर में से एक है. 

Advertisement

डीआरडीएल के अलावा, कई अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाएं सिस्टम के विकास में शामिल हैं. इनमें रिसर्च सेंटर इमारत; इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार विकास प्रतिष्ठान; अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर); एकीकृत परीक्षण रेंज; आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान; उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और वाहन अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान. सिस्टम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड के साथ-साथ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज और अन्य उद्योग भागीदारों द्वारा निर्मित हैं.

इनपुट- मनजीत सिंह

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement