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ये है वो टारगेट जो हवा में भारतीय मिसाइलों के लिए दुश्मन का विमान बनता है, टेस्ट सफल

मिसाइलों का परीक्षण कैसे होता है? वो कौन से टारगेट पर जाकर भिड़ते हैं? DRDO टारगेट भी लॉन्च करता है और फिर मिसाइल भी. डीआरडीओ ने 29 जून 2022 को ऐसे ही एक टारगेट का सफल परीक्षण किया है. आइए जानते हैं इसकी खासियत....

DRDO HEAT ABHYAS: ये है वो टारगेट जो हवा में भारतीय मिसाइलों के लिए दुश्मन का विमान बनता है. (फोटोः DRDO) DRDO HEAT ABHYAS: ये है वो टारगेट जो हवा में भारतीय मिसाइलों के लिए दुश्मन का विमान बनता है. (फोटोः DRDO)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST
  • मिसाइल से थोड़ा पहले ये हवा में उड़ता है
  • फिर मिसाइल इस पर हवा में हमला करता है

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 29 जून 2022 को एक ऐसे टारगेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जो मिसाइलों के लिए टारगेट बनता है. इसका नाम है- हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) यानी अभ्यास (Abhyas). इसकी टेस्टिंग ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में किया गया. इस बार के परीक्षण में इसे कम ऊंचाई पर उड़ाया गया ताकि भविष्य में सी-स्कीमिंग मिसाइलों जैसे ब्रह्मोस आदि का परीक्षण किया जा सके. 

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पिछले साल दिसंबर के महीने में भी किया गया था HEAT-ABHYAS का सफल परीक्षण. (फोटोः DRDO)

इस परीक्षण में HEAT-अभ्यास की विभिन्न प्रणालियों की जांच की गई. सबकुछ बेहद सटीक और सफलतापूर्वक काम करता मिला. इस परीक्षण में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई. इस विमान के सारे हिस्सों ने तय मानकों पर सारे लक्ष्य हासिल किए. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभ्यास के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है. वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत किया गया है. 

यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) की आवश्यकताओं को पूरा करेगा. डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) बेंगलुरु द्वारा डिजाइन तथा विकसित किया गया है.  एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है जो वाहन को प्रारंभिक लॉन्च बूस्ट प्रदान करते हैं. यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी एन्ड्योरेंस उड़ान को बनाए रखता है. 

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टारगेट एयरक्राफ्ट मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (एफसीसी) के साथ नेविगेशन के लिए एमईएमएस आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (INS) से लैस है. वाहन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए प्रोग्राम किया गया है. लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (GCS) का उपयोग करके हवाई वाहन का चेक-आउट किया जाता है. 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी 'अभ्यास' के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी. इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया. 

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