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अदन की खाड़ी में फिर ड्रोन अटैक, जहाज में लगी आग, भारतीय नौसेना के INS विशाखापत्तनम ने पहुंचाई तत्काल मदद

आईएनएस विशाखापत्तनम ने बुधवार रात ड्रोन हमले के बाद मार्शल आइलैंड के झंडे वाले व्यापारिक जहाज एमवी जेनको पिकार्डी को तत्काल मदद पहुंचाई. घटना में जहाज में आग लग गई थी. हालांकि इस पर काबू पा लिया गया. इस जहाज पर मार्शल आइलैंड का फ्लैग लगा हुआ था.

आईएनएस विशाखापत्तनम ने तत्काल जहाज को मदद पहुंचाई. आईएनएस विशाखापत्तनम ने तत्काल जहाज को मदद पहुंचाई.
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST

अरब सागर में समुद्री लुटेरे लगातार हमले और लूटपाट कर रहे हैं. पिछले कुछ दिन से ड्रोन के जरिए  व्यापारिक जहाज को टारगेट किया जा रहा है. अब अदन की खाड़ी में एक जहाज पर ड्रोन अटैक किया गया है. घटना में जहाज में आग गई. हालांकि, समय रहते इस आग को बुझा लिया गया. भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम अलर्ट हुआ और तुरंत जहाज की मदद की. नौसेना का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब दिया.

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बता दें कि भारतीय नौसेना ने आईएनएस विशाखापत्तनम को समुद्री डकैती रोधी अभियान के लिए अदन की खाड़ी में मिशन के तहत तैनात किया है. समुद्र में जहाजों पर हूतियों और लुटेरों के हमलों ने कई देशों की टेंशन बढ़ी है. पिछले कुछ दिन में भारत आने वाले कई जहाजों को भी निशाना बनाया है. 23 दिसंबर को हिंद महासागर में भारत आ रहे मालवाहक जहाज केम प्लूटो पर हमला हुआ था.

'हमले के बाद जहाज में लगी आग'

जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात जिस जहाज पर ड्रोन अटैक हुआ है, उसमें मार्शल आईलैंड का फ्लैग लगा था. भारतीय नौसेना का कहना है कि हमला रात करीब 11 बजे हुआ था. जहाज पर कुल 22 क्रू मेंबर्स सवार थे, इनमें 9 भारतीय नागरिक शामिल थे. हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है. भारतीय नौसेना ने ड्रोन हमले के बाद MV जेनको पिकार्डी शिप से इमरजेंसी अलार्म मिलने पर एक्शन लिया है. ड्रोन हमले के कारण जहाज में आग लग गई थी.

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'नौसेना ने आगे का रास्ता क्लीयर करवाया'

आईएनएस विशाखापत्तनम ने एमवी जेनको पिकार्डी को सहायता प्रदान पहुंचाई और 18 जनवरी की रात 12.30 बजे जहाज को रोक दिया. भारतीय नौसेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, आग पर भी तुरंत कंट्रोल पा लिया गया. भारतीय नौसेना के EOD विशेषज्ञों ने क्षतिग्रस्त जहाज का निरीक्षण किया और सुरक्षित करार दिया. यह जहाज अब अपने अगले बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है.

'विशेष टीम को किया तैनात'

नौसेना का कहना है कि इस तरह के ऑपरेशंस पर काम करने के लिए  EOD (Explosive Ordnance Disposal) नाम की एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इस टीम को ट्रेनिंग दी गई है. किसी भी तरह के विस्फोटक अटैक से निपटा जा सकता है. टीम को ब्लास्ट, गोलाबारूद को नष्ट करने में महारत हासिल है.
 

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