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भारत आ रहे जहाज पर ईरान से हुआ था ड्रोन अटैक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का बड़ा दावा

अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि एक ईरानी ड्रोन द्वारा गुजरात के पास एक जहाज पर हमला किया है. पेंटागन के बयान में कहा गया है कि यह 2021 के बाद से कॉमर्शियल शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था.

गुजरात तट पर ड्रोन हमला (फाइल फोटो) गुजरात तट पर ड्रोन हमला (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

भारतीय तट के पास हिंद महासागर में लाइबेरिया के झंडे वाले टैंकर (जहाज) पर ड्रोन से हमला किया गया है.अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि ईरान से लॉन्च किए ड्रोन से शनिवार तड़के हिंद महासागर में एक रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया गया.  हमले के बाद जहाज में आग लग गई, हालांकि समय रहते आग को बुझा दिया गया. यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मंगलौर आ रहा था.  

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पेंटागन ने बयान जारी करते हुए कहा,'मोटर जहाज CHEM प्लूटो पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था जिसका मालिकाना हक जापानी कंपनी के पास है और नीदरलैंड से संचालित होता था. बताया जा रहा है कि कैमिकल टैंकर पर स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजे (6 बजे GMT) गुजरात के वेरावल तट से 200 नॉटिकल मील की दूरी पर यह ड्रोन हमला किया गया है. यह हमला ईरान की तरफ से ड्रोन द्वारा किया गया.'

21 भारतीय थे सवार

जहाज में 21 भारतीय चालक दल के सदस्य सवार थे.सूत्रों ने कहा कि यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस या यूकेएमटीओ द्वारा "हमले" की सूचना के बाद भारतीय नौसेना द्वारा तैनात एक पी-8आई लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान ने जहाज, एमवी केम प्लूटो और उसके चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की. भारतीय नौसेना ने व्यापारिक जहाज की सहायता के लिए एक अग्रिम युद्धपोत भेजा है, जबकि भारतीय तटरक्षक बल भी अपने जहाज आईसीजीएस विक्रम को घटना वाले क्षेत्र तरफ मोड़ दिया है.

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ICGS Vikram करेगा एस्कॉर्ट
ICGS Vikram को भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की गश्ती के लिए तैनात किया गया था. जैसे ही कार्गो शिप पर अटैक की खबर मिली तो ICGS Vikram को इसकी ओर बढ़ने के लिए निर्देशित कर दिया गया. डिफेंस अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र के सभी जहाजों को सहायता प्रदान करने के लिए सतर्क कर दिया गया है. उधर, भारतीय तट रक्षक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान ने संकटग्रस्त जहाज एमवी केम प्लूटो के साथ कम्यूनिकेट किया है. ड्रोन हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. 

भारत के लिए खतरा!

यह हमला दर्शाता है कि इजरायल और हमास में जारी जंग के बाद बढ़ते क्षेत्रीय तनाव से शिपिंग लेन के लिए भी नया खतरा पैदा हो गया है. चूंकि इजरायल और हमास युद्ध में अभी तक भारत सीधे तौर पर प्रभावित नहीं हुआ है लेकिन गुजरात के पास किए गए इस ड्रोन हमले से भारत की चिंताएं जरूर बढ़ेंगी.

आपको बता दें कि ईरानी सरकार और यमन में उसके सहयोगी आतंकवादी बलों ने गाजा में इजरायली सरकार के सैन्य अभियान की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है. अरब सागर भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक अहम समुद्री मार्ग का हिस्सा है.  पेंटागन के बयान में कहा गया है कि यह 2021 के बाद से वाणिज्यिक शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था.संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता ने इस हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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हूती विद्रोही बना रहे हैं जहाजों को निशाना

इजरायली जहाज पर यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब हाल ही में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर जाने वाले इजराली जहाजों को निशाना बनने की चेतावनी दी थी. हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई व्यापारिक जहाजों को अपना निशाना भी बनाया था. जिस वजह से व्यापारिक जहाजों को रूट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. नवंबर महीने में हूती विद्रोहियो ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को हाइजैक भी कर लिया था.  

भारत ने तैनात किया डिस्ट्रॉयर

हालिया दिनों में हूती विद्रोहियों द्वारा समुद्री जहाजों पर पर कई हमले किए गए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए और समुद्री डकैती को रोकने के प्रयासों के तहत भारतीय नौसेना ने अब अदन की खाड़ी क्षेत्र में एक और स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत तैनात किया है,  भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में 'सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले' के रूप में, व्यापारिक जहाज नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्र में नाविकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है.

यमन द्वारा समर्थित हूती विद्रोही लगातार अपने समुद्री हमलों को बढ़ा रहे हैं. कई देशों का व्यापार समुद्र के जरिए होता है जिसे देखते हुए अमेरिका ने 20 देशों के साथ मिलकर एक मैरिटाइम फोर्स भी बनाई है ताकि किसी भी तरह के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. 

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