
द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बन गईं हैं. उन्होंने आज राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उन्हें देश के चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलवाई.
द्रौपदी मुर्मू 10वीं राष्ट्रपति हैं, जो 25 जुलाई को शपथ ले रहीं हैं. 1977 से हर बार 25 जुलाई के दिन ही राष्ट्रपति शपथ लेते आ रहे हैं. 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीव रेड्डी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने 64 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 35 फीसदी के आसपास ही वोट मिले थे. मुर्मू ने सिन्हा को 28 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.
द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. इतना ही नहीं, द्रौपदी मुर्मू देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है. उनका जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था.
द्रौपदी मुर्मू न सिर्फ देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं, बल्कि झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल भी रहीं हैं. मुर्मू मई 2015 से जुलाई 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं हैं.
मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी इसे मास्टरस्ट्रोक मान रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कांग्रेस पर अनुसूचित जनजातियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में अनुसूचित जनजाति से आने वाले ऐसे लोगों के बारे में जानना जरूरी है, जो देश में पहले बन गए.
पहले आदिवासी लोकसभा स्पीकर
देश के इतिहास में पीए संगमा पहले ऐसे लोकसभा स्पीकर रहे हैं, जो आदिवासी समाज से आते हैं. संगमा मई 1996 से मार्च 1998 तक लोकसभा स्पीकर रहे थे. संगमा का जन्म 1 सितंबर 1947 को मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जिले के चपाती गांव में हुआ था. वो गारो आदिवासी समुदाय से थे. मार्च 2016 में उनका निधन हो गया था.
पहले आदिवासी कानून मंत्री
किरन रिजिजू देश के पहले आदिवासी कानून मंत्री हैं. पूर्वोत्तर में रिजिजू बीजेपी के बड़े चेहरों में से एक हैं. रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल के पश्चिमी कामेंग जिले के नाफरा के पास एक छोटे से गांव में हुआ था. रिजिजू अरुणाचल की अरुणाचल पश्चिम सीट से लोकसभा सांसद हैं. जुलाई 2021 में उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था.
पहले आदिवासी आईएएस अफसर
जामचोंगा नामपुई देश के पहले आदिवासी आईएएस अफसर हैं. उनका जन्म 2 जून 1926 को असम के एक छोटे से गांव में हुआ था. 1954 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. वो असम के भी पहले आईएएस अफसर हैं. जामचोंगा बियाते समुदाय से आते हैं. 24 नवंबर 1988 को उनका निधन हो गया था.
पहले आदिवासी आईपीएस अफसर
अरुणाचल प्रदेश से आने वाले रॉबिन हिबू देश के पहले आदिवासी आईपीएस अफसर हैं. वो 1993 में आईपीएस बने थे. इस समय रॉबिन हिबू नई दिल्ली में तैनात हैं. उन्होंने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी. उन्हें दो बार राष्ट्रपति मेडल से भी नवाजा जा चुका है. वो संयुक्त राष्ट्र में भी रहे हैं.