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हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसालः इस शहर में होली की वजह से देरी से अदा की जाएगी जुमे की नमाज

Uttar Pradesh Latest News: 18 मार्च को हिंदू एक तरफ रंगों का उत्सव होली मनाएंगे तो दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बारात मनाने का ऐलान किया गया है.

स्थानीय अधिकारियों के साथ मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग स्थानीय अधिकारियों के साथ मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग
सुधीर शर्मा
  • फिरोजाबाद,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:57 PM IST
  • 18 मार्च को मनाया जा रहा है शब-ए-बारात का त्योहार
  • आपसी बातचीत के बाद बढ़ाया गया नमाज का वक्त

पूरे देश में शुक्रवार को होली का त्योहार मनाया जाएगा. 18 मार्च को हिंदू एक तरफ होली का त्योहार मनाएंगे तो दूसरी तरफ मु्स्लिम समाज के लोग शब-ए-बारात मनाएंगे. दोनों धर्मों के त्योहारों के कारण सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े, इसके लिए उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में जिला प्रशासन ने एक पहल की है.  इस पहल के तहत जामा मस्जिद में दोपहर में होने वाली नमाज को आधा घंटा देरी से करने का फैसला लिया गया है. 

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स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद करबला कमेटी के अध्यक्ष हिकमत उल्लाह खान ने बताया कि हिन्दू-मुस्लिम दोनों त्योहारों के एक साथ होने के कारण ही एक मिनारा मस्जिद में 1:15 बजे जुमे की नमाज होती थी, लेकिन अब 1:45 पर जुमे की नमाज होगी. वही बड़ी मस्जिद फिरोजशाह मस्जिद में 2:15 पर जुमे की नमाज होती थी लेकिन अब आधा घंटा देरी से नमाज अदा की जाएगी.

इसी तरह अन्य मस्जिदों में भी जामा मस्जिद, सदर बाजार, डाकबंगला, मस्जिद रसूलपुर, मस्जिद फिरोजशाह, स्टेशन रोड मस्जिद, आयशा मस्जिद, मरकज लेबर कॉलोनी जामा मस्जिद व अन्य मिश्रित आबादी वाली मस्जिदों में जुमे के दिन आधा घंटे देरी से नमाज होगी.

दरअसल नमाज में आधा घंटा देरी करने का निर्णय इसलिए लिया है कि होली का पर्व पर रंग खेलने का समय दोपहर तक रहता है और किसी नमाजी के ऊपर रंग न डलें इस कारण ही पहले से तय समय के आधा घंटे बाद ही नमाज अदा की जाएगी.

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क्या है शब-ए-बारात की मान्यता?
शब-ए-बारात को गुनाहों की माफी की रात मानी जाती है. एक रात की इबादत को एक हजार रात की इबादत के समान माना जाता है. माना जाता है कि अल्लाह ताला नेकियों और रहमतों के रास्ते खोलता है.

 

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