
गुजरात में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों की वजह से गुजरात में शनिवार रात से सोमवार तक नाइट कर्फ्यू घोषित किया गया है, वैसे में हर किसी के जेहन में ये सवाल है कि क्या गुजरात में 57 घंटे का ये लॉकडाउन अगले 15 दिन तक चलेगा या सोमवार से सिर्फ नाइट कर्फ्यू ही रहेगा. सरकार के फैसले पर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि फैसले से नागरिकों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है.
नाइट कर्फ्यू पर बात करते हुए डिप्टी मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी हैं क्योंकि पूरी दुनिया आज कोरोना महामारी से जूझ रही है, जिसके तहत राज्य सरकार ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट जो चार बड़े शहर हैं उसमें नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. इस फैसले से नागरिकों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. राज्य सरकार का आरोग्य विभाग पूरी तरह से नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार है.
कोरोना संक्रमण पर अंकुश की कोशिश
त्योहारों के दौरान यातायात में वृद्धि के कारण कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि की संभावना पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में एक कोर समूह की बैठक आयोजित की गई. कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपायों के तहत अहमदाबाद महानगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसी तरह राजकोट, वड़ोदरा और सूरत महानगरीय क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है.
इन तीन महानगरों के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, महासंघों, व्यापार संघों और अग्रणियों ने सरकार को प्रस्ताव दिया था कि अहमदाबाद में रात के समय कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए, ताकि त्योहारों के बाद कोरोना के मामलों में वृद्धि न हो. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य हित में एक और निर्णय की घोषणा होने तक रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. यह कर्फ्यू हर रात 9 बजे से सुबह 6 तक लगाया जाएगा.
सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए पर्याप्त बेड नहीं होने की बात पर उपमुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया गया है कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए पर्याप्त बेड नहीं हैं, जो कि पूरी तरह से आधारहीन बात है.
खाली बेड के आंकड़े देते हुए, नितिन पटेल ने कहा कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल को स्पेशल कोविड केयर सेंटर के रूप में घोषित किया गया है. इस 1,200 बेड के अस्पताल में लगभग 60 आईसीयू की व्यवस्था के साथ हाल में खाली है. साथ ही में इस अस्पताल में 120 और बेड जोड़ने के निर्देश दिए गए थे, जिनमें से काम पूरा होने वाला है. इसका मतलब यह है कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 1,200 बेड के अतिरिक्त 120 बेड सहित अब 1,320 बेड उपलब्ध होंगे.
लोगों से सहयोग की अपील
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोला सिविल अस्पताल, गांधीनगर सिविल अस्पताल, कैंसर अस्पताल, किडनी अस्पताल और एसवीपी के अतिरिक्त विंग में कोरोना रोगियों के लिए एक अलग अस्पताल है. अस्पताल में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध होने के अलावा, निजी सुपर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भी सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है. अहमदाबाद के कोरोना रोगियों को नडियाद एवं करमसद मेडिकल कॉलेजों में भी भर्ती किए जाने की सुविधाएं उपलब्ध हैं.
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह बेड की सुविधाओं में वृद्धि की है, उसी तरह डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, मेडिकल, पैरा-मेडिकल स्टाफ की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है. राज्य के मेडिकल छात्र जो बहुत कम लागत पर सरकार की मदद से डॉक्टर बन गए हैं, उनकी भी राज्य के नागरिकों के हित में सेवा के लिए खड़े होने की विशेष जिम्मेदारी है. इसके लिए, बोन्डेड डॉक्टरों, वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ-साथ रेजिडेंट डॉक्टरों को विशेष जिम्मेदारी के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.
उपमुख्यमंत्री पटेल ने राज्य के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोना में संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के चार महानगरों में नाइट कर्फ्यू का निर्णय लिया गया है. पिछले लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान जनता का जो सहयोग मिला था, उन्होंने उसी तरह के सहयोग की राज्य के नागरिकों से अपील की है.