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विदेश मंत्री बोले- चीन ने LAC पर सेना बढ़ाने को लेकर 5 अलग-अलग कारण बताए

विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले तीन दशकों में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखते हुए कहा कि हम शायद चीन के साथ अपने संबंधों के सबसे कठिन दौर में हैं. उन्होंने कहा कि इस साल संबंध बेहद खराब हो गए हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- सबसे कठिन दौर में रिश्ते (फाइल-पीटीआई) विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- सबसे कठिन दौर में रिश्ते (फाइल-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST
  • 'पिछले 30-40 सालों में यह सबसे कठिन दौर'
  • एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखना बेहद जरूरी
  • गलवान घाटी ने राष्ट्रीय भावना को बदलाः विदेश मंत्री

चीन के साथ लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन ने सेना बढ़ाने को लेकर '5 अलग-अलग स्पष्टीकरण' दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संधि के उल्लंघन की वजह से दोनों देशों के रिश्तों को खासा नुकसान हुआ है और पिछले 30-40 सालों में यह 'सबसे कठिन दौर' में है.

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ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन इंटरएक्टिव सत्र के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच सात महीने से अधिक समय से बने लंबे सैन्य गतिरोध को लेकर थी.

जयशंकर ने पिछले तीन दशकों में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखते हुए कहा, 'हम शायद चीन के साथ अपने संबंधों के सबसे कठिन दौर में हैं.' उन्होंने कहा कि इस साल संबंध बेहद खराब हो गए हैं.

विदेश मंत्री ने कहा, 'हम बहुत क्लियर हैं कि एलएसी पर शांति और स्थिरता  बनाए रखना बाकी रिश्तों की प्रगति का मुख्य आधार है. आपके पास सीमा पर जिस तरह की स्थिति है और आप कहें कि अन्य सभी क्षेत्रों में जीवन को आगे बढ़ाते रहें जो कि महज अवास्तविक है.

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विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार, यात्रा और कई अन्य क्षेत्रों में संबंध बढ़े हैं क्योंकि दोनों पक्षों ने एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कई समझौते किए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब इस तथ्य पर आधारित था कि जब हम सीमा के सवाल को हल करने की कोशिश कर रहे थे, तब हमें सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता को बनाए रखना चाहिए.

समझौतों का उल्लंघनः विदेश मंत्री

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों को 1993 से इस प्रतिबद्धता के साथ शामिल किया गया था कि दोनों पक्ष सीमा क्षेत्रों में बड़ी सेना नहीं लाएंगे.

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विदेश मंत्री ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि चीन ने सीमा उल्लंघन को लेकर हमें पांच अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए गए हैं. चीन ने निश्चित तौर पर लद्दाख में एलएसी पर पूर्ण सैन्य तैयारी मोड में हजारों सैनिकों को तैनात किया है. स्वाभाविक रूप से इससे संबंधों पर असर पड़ेगा. 

इस दौरान उन्होंने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का जिक्र भी किया जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे, जयशंकर ने कहा कि इस घटना ने राष्ट्रीय भावना को पूरी तरह से बदल दिया. अब यह बहुत बड़ा मुद्दा है कि रिश्ते को पटरी पर कैसे लाया जाए.

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