भूकंप क्यों आता है?
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बन जाता है तो प्लेट्स टूट जाती हैं. इनके टूटने की वजह से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कितने रिक्टर स्केल वाला भूकंप खतरनाक?
वैसे भूकंप की अधिकमत तीव्रता तय नहीं हो पाई है. लेकिन रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है. इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं. 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
क्यों बार-बार हिल रही है दिल्ली-NCR की धरती?
अब बार फिर से सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर बार-बार दिल्ली क्यों हिल रही है? दिल्ली में बार बार भूकंप क्यों आ रहे हैं? दरअसल दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं. इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं. इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं.
जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने कुछ साल पहले आशंका जताई थी कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है.
दिल्ली के भूकंप का नेपाल से क्या कनेक्शन
प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने ही 2018 में एक स्टडी की थी. इसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सीसमिक गैप बन गई थी. 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है. हो सकता है कि ये दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए. अगर यहां से भूकंप आता है तो 8.5 तीव्रता तक हो सकता है.