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असम के उदलगुड़ी में 4.2 तीव्रता के भूकंप के झटके, जमीन के 15KM गहराई में था केंद्र

असम कई सक्रिय फॉल्ट्स के कारण भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. यहां अब 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है. हालांकि, इसमें किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. भूकंप के केंद्र जमीन के 15 किलोमीटर नीच था.

असम में भूकंप के झटके असम में भूकंप के झटके
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

असम के उदालगुड़ी जिले में रविवार सुबह आए 4.2 तीव्रता के भूकंप का झटका महसूस किया गया. इससे असम का उत्तर-मध्य हिस्सा कांप उठा. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का झटका सुबह 7:47 बजे उदलगुड़ी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर महसूस किया गया, जिसका केंद्र जमीन से 15 किलोमीटर गहराई में था.

भूकंप का केंद्र गुवाहाटी से लगभग 105 किलोमीटर उत्तर और तेजपुर से 48 किलोमीटर पश्चिम में, असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास था. इस झटके को आस-पास के दरांग, तामुलपुर, सोनितपुर, कामरूप और बिस्वनाथ जिलों के लोगों ने महसूस किया. इनके अलावा, ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी किनारे पर स्थित कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरीगांव और नागांव जिलों में भी झटके महसूस किए गए.

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उत्तर-पूर्वी क्षेत्र संवेदनशील

भूकंप की तीव्रता इतनी थी कि पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी भूटान के कुछ हिस्सों में भी इसका असर देखा गया. हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, किसी भी तरह की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं मिली है. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भूकंपीय नजरिए से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आता है, जिससे जहां भूकंप आना आम बात है.

असम भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है. यह भूकंपीय गतिविधियों के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र है. यह क्षेत्र भारतीय, यूरेशियन और बर्मीज प्लेटों के टकराव क्षेत्र के पास स्थित है. ये प्लेटें निरंतर गति करती रहती हैं, और जब ये फंस जाती हैं, तो इन पर तनाव उत्पन्न है. जब यह तनाव प्लेटों की शक्ति से अधिक हो जाता है, तो यह अचानक भूकंप के रूप में जारी होता है और फिर झटके महसूस किए जाते हैं.

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एक्टिव फॉल्ट लाइन पर स्थित है क्षेत्र

क्षेत्र के प्रमुख सक्रिय फॉल्ट्स में मुख्य हिमालयी थ्रस्ट और कोपिली फॉल्ट शामिल हैं. ये फॉल्ट्स महत्वपूर्ण भूकंपीय गतिविधियों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. खासतौर से भारतीय प्लेट का यूरेशियन प्लेट में घुसपैठ करना इस क्षेत्र में लगातार भूकंपों का कारण बनता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील है.

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