
चीनी ऐप से लोन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान केरल से दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. ईडी के कोच्चि दफ्तर के अधिकारियों ने गुरुवार को सैयद मोहम्मद और वर्गीज टी.जी. को हिरासत में लिया. इससे पहले, जनवरी में एजेंसी ने तमिलनाडु से चार लोगों को इसी मामले में गिरफ्तार किया था, जिन पर सिंगापुर में अवैध रूप से धन भेजने का आरोप है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला केरल और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर पर आधारित है, जिसमें पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि उन्हें लोन देने के नाम पर ठगा गया या ब्लैकमेल किया गया.
ईडी के मुताबिक, लोन ऐप संचालकों ने पीड़ितों से पैसे वसूलने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए, जिनमें एडवांस मासिक किश्तें मांगना, मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करने के दौरान निजी डेटा हैक करना और पीड़ितों की मॉर्फ्ड अश्लील तस्वीरें उनके संपर्कों को भेजने की धमकी देना शामिल था.
जांच एजेंसी के अनुसार, गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने लोन ऐप धोखाधड़ी से जुड़े अपराधियों के निर्देश पर करीब 500 "म्यूल" बैंक खाते (मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल होने वाले खाते) तैयार किए, जिनमें 719 करोड़ रुपये जमा किए गए. इसके अलावा, उन्होंने वज़ीरएक्स (WazirX) क्रिप्टोकरंसी प्लेटफॉर्म पर 26 क्रिप्टो अकाउंट भी खोले.
ईडी का दावा है कि इन आरोपियों ने विदेशी वॉलेट्स में 115.67 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरंसी ट्रांसफर कर दी. इस काम के लिए सैयद मोहम्मद को दो करोड़ रुपये और वर्गीज टी.जी. को 70 लाख रुपये मिले थे. इसके अलावा, बैंकिंग चैनलों और Nium India Private Limited के माध्यम से सिंगापुर में भी धन भेजा गया. ईडी के अनुसार, यह पैसा फर्जी डिजिटल सेवाओं और सॉफ्टवेयर आयात के नाम पर भेजा गया था.
ईडी ने कहा कि इन लोन ऐप्स को कुछ चीनी नियंत्रित कर रहे हैं, और यह पूरी धोखाधड़ी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत से अपराध के जरिए अर्जित पैसे को विदेशों में भेजता है.