
प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद आझ ईडी ने केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. ईडी ने कोर्ट से केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने केजरीवाल को 6 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा है. बता दें कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ के समक्ष भी सुनवाई होनी थी, लेकिन केजरीवाल ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. ईडी ने कोर्ट में 28 पन्नों की दलील पेश की है. एक नजर ईडी की उन दलीलों पर डालते हैं जो कोर्ट में केजरीवाल की रिमांड की मांग के लिए दी गई हैं.
ईडी की 11 बड़ी दलीलें-
1. हमारी रिमांड याचिका में एक्साइज पॉलिसी केस का पूरा बैकग्राउंड शामिल है.
2. पॉलिसी इस तरह बनाई गई थी कि रिश्वत ली जा सके और रिश्वत देने वाले लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके.
3. केजरीवाल घोटाले के सरगना (KINGPIN OF THE SCAM) हैं. केजरीवाल ने रिश्वत लेने के लिए कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया.
4. अपराध की कमाई का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में किया गया.
5. केजरीवाल पॉलिसी के निर्माण में सीधे तौर पर शामिल थे.
6. सिसोदिया के सेक्रेटरी ने बताया कि सिसोदिया ने उन्हें 2021 में केजरीवाल के आवास पर बुलाया था. इस मामले में सिसोदिया भी गिरफ्तार हैं और उन्हें जमानत नहीं मिली है.
7 : विजय नायर (शराब नीति मामले में गिरफ्तार एक और आरोपी) केजरीवाल के साथ मिलकर काम कर रहा था. विजय केजरीवाल के घर के पास रहता था. वह केजरीवाल के काफी करीब रहकर काम कर रहा था. विजय नायर ने बिचौलिए की भूमिका निभाई.
8. केजरीवाल ने दक्षिण के समूह से रिश्वत की मांग की. हमारे पास इसे साबित करने के लिए पर्याप्त बयान हैं.
9. बयानों के मुताबिक, केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की और उनसे कहा कि उन्हें दिल्ली एग्साइज पॉलिसी पर मिलकर काम करना चाहिए.
10. दो मौकों पर पैसों का लेनदेन हुआ. विक्रेताओं के माध्यम से रिश्वत के रूप में नकद पैसा दिया गया. इनवॉइस सिर्फ आंशिक राशि के लिए बनाई गई क्योंकि बाकी राशि रिश्वत के रूप में नकद दी गई थी.
11. चैट से हर बात की पुष्टि होती है. चैट के मुताबिक हवाला के जरिए गोवा में 45 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. कई लोगों को भारी नकद राशि सौंपी गई.
कोर्ट में क्या बोले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी
1. रिमांड ऑटोमैटिक नहीं है. इसे पीएमएलए जैसे कानून के प्रावधानों को पूरा करना होगा.
2. पहली शर्त यह है कि उसके पास कोई भौतिक सामग्री हो. मतलब विश्वास करने का कारण होना चाहिए. और अंतत: वह दोषी होना चाहिए. ऐसा सामान्य कानून में क्यों नहीं होता? क्योंकि जब गिरफ्तारी करना मुश्किल होता है तो व्यक्ति को छोड़ना भी मुश्किल होता है.
3. किसी को दोषी मानने की वजह और ईडी के पास मौजूद सामग्री के बीच एक कारणात्मक संबंध होना चाहिए.
4. पहली चीज जो हमें दिखानी चाहिए वह है गिरफ्तारी की आवश्यकता.
5. सिर्फ इसलिए कि आपके पास गिरफ्तार करने की पावर है इसका मतलब यह नहीं कि आपको इसका इस्तेमाल करना ही होगा. प्लीज कानून को एक बार देखें.
6. पूरी रिमांड एप्लीकेशन गिरफ्तारी के ग्राउंड्स की कॉपी पेस्ट है.
7. अगर आपके पास सब कुछ है तो आप हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों करना चाहते हैं.
8. 80 प्रतिशत लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं बताया. उन्होंने यह भी नहीं कहा कि वे उनसे कभी मिले भी थे.
9. अगर मेरे शिकायतकर्ता के अधीन काम करने वाला कोई व्यक्ति मेरे खिलाफ बयान देता है तो क्या वह अदालत उसे सबूत मान सकती है? किसी भी गलत काम को दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं मिली, कोई आपत्तिजनक सामग्री भी नहीं मिली.
10. सिंघवी ने पवन बंसल जजमेंट को पढ़ते हुए कहा कि गिरफ्तारी के वक्त सेफगार्ड नहीं अपनाए गए.
11. जब सुप्रीम कोर्ट की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता तो सुप्रीम कोर्ट को दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए.