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ED ने M3M कंपनी के प्रमोटर को गिरफ्तार किया, 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रियल एस्टेट कंपनी M3M और IREO ग्रुप पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ईडी ने जांच के बाद रियल एस्टेट कंपनी के प्रमोटर रूप कुमार बंसल को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले जांच एजेंसी ने दोनों कंपनियों के 7 ठिकानों पर छापे मारे थे और तलाशी ली थी.

ईडी ने रूप बंसल को अरेस्ट किया है. ईडी ने रूप बंसल को अरेस्ट किया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

प्रवर्तन निदेशालय ने रियल एस्टेट कंपनी  M3M के प्रमोटर रूप बंसल को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने हाल ही में IREO ग्रुप और M3M ग्रुप से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे और तलाशी ली थी. ईडी ने M3M ग्रुप द्वारा शेल कंपनियों के जरिए 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग का पता किया है.

बता दें कि 4 दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत IREO समूह और M3M ग्रुप के दिल्ली/गुरुग्राम के 7 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था. ईडी निवेशकों/ग्राहकों के फंड को डायवर्ट/बेइमानी से निकालने/गबन करने के लिए IREO ग्रुप की जांच कर रहा है. IREO समूह के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई है. ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि M3M समूह के माध्यम से भी सैकड़ों करोड़ रुपये की बड़ी राशि का गबन किया गया है.

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यह आरोप सामने आए

ईडी की जांच में पता चला है कि एक लेन-देन में M3M समूह ने कई शेल कंपनियों के माध्यम से IREO समूह से लगभग 400 करोड़ रुपये प्राप्त किए. लेन-देन को IREO की बुक में डेवलपमेंट राइट के लिए भुगतान के रूप में दिखाया गया है. भूमि का स्वामित्व एम3एम समूह के पास था और भूमि का बाजार मूल्य लगभग 4 करोड़ रुपये था. M3M ग्रुप ने शुरुआत में 10 करोड़ रुपये के भुगतान पर 5 शेल कंपनियों को उक्त भूमि के डेवलपमेंट राइट बेचे.

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यह दावा किया गया है कि 5 असंबद्ध कंपनियां हैं. 5 शेल कंपनियां M3M ग्रुप द्वारा संचालित की जाती हैं. इसके बाद 5 शेल कंपनियों ने तुरंत उसी जमीन के विकास अधिकार IREO ग्रुप को लगभग 400 करोड़ रु. में बेच दिए. सभी शेल कंपनियों का स्वामित्व और संचालन M3M ग्रुप द्वारा इसके प्रमोटरों बसंत बंसल और रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के निर्देशन में किया गया है. 

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इस तरह, IREO और M3M ने निवेशकों/ग्राहकों से संबंधित लगभग 400 करोड़ रुपये का गबन किया और अपराध की आय M3M समूह के पास रही, जिसका उपयोग M3M द्वारा अन्य निवेशों/देयताओं का भुगतान करने के लिए किया गया. दूसरी ओर IREO समूह ने भूमि के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया और हर साल निवेश को बट्टे खाते में डालना शुरू कर दिया.

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