
प्रवर्तन निदेशालय को ड्रग्स तस्कर के आरोपी जफर सादिक के खिलाफ 70 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. सामने आया है कि जफर न केवल भारत में बल्कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था. ईडी की चेन्नई इकाई ने 9 अप्रैल, 2024 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली में एआर जाफर सादिक और अन्य से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था.
इस मामले में पहले सीमा शुल्क विभाग और एनसीबी, दिल्ली ने जाफर सादिक और उसके सहयोगियों से पूछताछ की थी. इसके बाद सीमा पार नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार के संबंध में ईडी ने भी जफर सादिक के खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी. सादिक को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी सिंडिकेट का मास्टरमाइंड माना जाता है, उस पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हेल्थ मिक्स पाउडर और सूखे नारियल के रूप में Pseudoephedrine की तस्करी करने का आरोप है. सामने आया है कि, उन्होंने नशीली दवाओं की बिक्री से प्राप्त आय को रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण और लॉजिस्टिक्स सहित अलग-अलग इंडस्ट्री में खपाया है.
तलाशी अभियान में जफ़र सादिक द्वारा उत्पन्न नकदी की लॉन्ड्रिंग की सुविधा प्रदान करने वाली संस्थाओं से जुड़े आवासों और व्यवसायों को टारगेट किया गया था. इस बात के भी संकेत मिले हैं कि कैश को विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से फिल्म निर्माण और आतिथ्य उद्योगों, साथ ही अचल संपत्तियों को प्राप्त करने से पहले विशिष्ट फाइनेंसरों के माध्यम से जमा किया गया था.
“जांच में 6 करोड़ रुपये से अधिक के कैश ट्रांजिक्शन का पता चला, जिसमें 12 करोड़ रुपये से अधिक नकद फिल्म निर्माण के लिए भेजा गया और जमा किया गया. इसके अतिरिक्त, जफर सादिक से जुड़ी संस्थाओं द्वारा नियंत्रित बैंक खातों में 21 करोड़ रुपये से अधिक कैश जमा देखा गया. ईडी के अधिकारियों ने कहा, कुल मिलाकर 40 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति हासिल करने के लिए पर्याप्त नकदी भी लगाई गई है. जांच जारी है.