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IT की रेड के बाद BBC मामले में ED की एंट्री, FEMA के उल्लंघन के आरोपों पर जांच में जुटी

फरवरी में इनकम टैक्स ने BBC के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर छापे मारे थे. जांच एजेंसी ने इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी के आरोपों में ये कार्रवाई की थी.  इनकम टैक्स की कार्रवाई के बाद ED ने BBC के खिलाफ जांच शुरू की थी. अब फेमा के उल्लंघन के आरोपों पर ED जांच में जुट गई है.

बीबीसी दफ्तर पर फरवरी में इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी. बीबीसी दफ्तर पर फरवरी में इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी.
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

मीडिया संस्थान BBC के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने जांच शुरू कर दी है. ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (1999) (FEMA) के उल्लंघन के आरोपों में ये जांच शुरू की है. 

BBC के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर फरवरी में इनकम टैक्स के छापे पड़े थे. जांच एजेंसी ने इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी के आरोपों में ये कार्रवाई की थी.  इनकम टैक्स की कार्रवाई के बाद ED ने BBC के खिलाफ जांच शुरू की थी. बताया जा रहा है कि ईडी ने बीबीसी के कई दस्तावेजों की जांच की है. इतना ही नहीं संस्थान से जुड़े लोगों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं. 

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने BBC के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर तीन दिन तक छापेमारी की थी. ये छापेमारी ऐसे वक्त पर की गई थी, जब देश में बीबीसी की गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल मचा था. ऐसे में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को बीबीसी की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा था. 

क्या है बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का मामला?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री आई थी. यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर थी. केंद्र सरकार ने प्रोपेगेंडा बताते हुए इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कई यूनिवर्सिटियों में बवाल भी मचा था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर हुई हैं. ऐसे में विपक्ष आयकर विभाग की छापेमारी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ कर केंद्र पर निशाना साध रहा है.

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क्या है फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट ​​​​​​?

साल 2000 में देशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 2000 (फेमा) लाया गया. इसके उद्देश्य भारत में विदेशी भुगतान और व्यापार को बढ़ावा देना, विदेशी पूंजी और निवेश को देश में बढ़ावा देना है, ताकि औद्योगिक विकास और निर्यात को अच्छी प्रगति मिल सके. यह भारत में विदेशी मुद्रा में प्रोत्साहन का काम करता है और नागरिक को विदेश में संपत्ति अर्जित करने का सुरक्षित विकल्प देता है. 

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