
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की शराब नीति घोटाले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के छापेमारी की. ED शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ईडी ने पिछले दिनों इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें संजय सिंह का भी नाम है.
दिल्ली सरकार 2021-22 में नई शराब नीति लेकर आई थी. नई नीति में घोटाले के आरोप लगे थे. उप राज्यपाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. नई शराब नीति जब लागू हुई थी, तब तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग था. ऐसे में यह नई शराब नीति आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए गले की फांस बन गई. शराब नीति घोटाले में जांच कर रही सीबीआई और ईडी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था. वे अभी जेल में हैं.
संजय सिंह का नाम कैसे आया?
वहीं, संजय सिंह के यहां ये छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब एक दिन पहले ही दिल्ली की एक कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में वाईएसआर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी.
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के आवास पर ED के छापे, शराब घोटाले की चार्जशीट में है नाम
दिनेश अरोड़ा केस की मुख्य कड़ी
आरोपी दिनेश अरोड़ा को केस में मुख्य कड़ी माना जा रहा है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस बैठक में संजय सिंह भी मौजूद थे.
दिनेश अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वह सबसे पहले एक कार्यक्रम में संजय सिंह से मिला था. इसके बाद वह मनीष सिसोदिया के संपर्क में आया. सूत्रों का कहना है, यह दिल्ली चुनाव से पहले AAP नेता द्वारा आयोजित एक फंड जुटाने का कार्यक्रम था.
चार्जशीट के मुताबिक, संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली में आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए कई रेस्तरां मालिकों से बात की. इतना ही नहीं उसने 32 लाख रुपये का चेक भी सिसोदिया को सौंपा. ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मुद्दा सुलझाया जो एक्साइज विभाग के पास लंबित था.
सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया के बाद अब संजय सिंह
ईडी की छापेमारी के बाद संजय सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इससे पहले ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के दूसरे मामले में पिछले साल मई में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था. सत्येन्द्र जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में ये कार्रवाई की गई थी. आरोप है कि सत्येंद्र जैन द्वारा फर्जी कंपनियों के जरिये आए पैसे का उपयोग भूमि की सीधी खरीद के लिए या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था. हालांकि, अभी वे बीमारी के चलते सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर हैं.
मनीष सिसोदिया पर क्या आरोप?
- सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को नई आबकारी नीति (2021-22) में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था. सीबीआई का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और उन्होंने सबूतों को मिटाने की कोशिश की. शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर सीबीआई ने उन्हें इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया था.
एक रिपोर्ट जिसने खोल दिया दिल्ली का शराब घोटाला, सिसोदिया से लेकर अफसर-कारोबारी तक... कैसे नप गए?
कैसे गिरफ्तारी तक पहुंची एजेंसियां?
मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया. उन्होंने बताया था कि नई शराब नीति लागू होने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ जाएगी. ये ऐलान करते समय दो बड़े तर्क दिए गए. पहला- माफिया राज खत्म होगा. दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी लागू भी कर दी गई.
- 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में सिसोदिया पर आरोप लगा कि उन्होंने गलत मकसद के साथ नई शराब नीति तैयार की. लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया. और तो और कथित तौर पर एलजी और कैबिनेट की मंजूरी लिए बगैर ही शराब नीति में अहम बदलाव भी कर दिए.
- मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया. इसमें मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया.
- इसमें अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.