
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फरवरी 2023 में फॉर्मूला-ई रेस की मेजबानी में 55 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री केटी रामा राव (KTR), वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) के पूर्व मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी को समन जारी किया है.
केटीआर को 7 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है, जबकि कुमार और रेड्डी को क्रमश: 2 और 3 जनवरी को पेश होना है. केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामले के संबंध में केटीआर और दो अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद यह समन आया है. सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को तेलंगाना पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए, धन शोधन निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक एंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की गई थी.
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ईडी मामले में आरोपी वही हैं जिनका उल्लेख एसीबी की एफआईआर में किया गया है. बीआरएस नेता और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव, जो तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के बेटे हैं, को एसीबी की एफआईआर में आरोपी नंबर 1 के रूप में नामित किया गया है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः आरोपी नंबर 2 और 3 के रूप में रखा गया है.
केटीआर के नाम से मशहूर 48 वर्षीय रामा राव के खिलाफ जांच, पिछले साल फरवरी में पिछली सरकार के दौरान हैदराबाद में फॉर्मूला-ई रेस आयोजित करने के लिए लगभग 55 करोड़ रुपये के कथित भुगतान से संबंधित है, जिसमें से कुछ बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में दिया गया था. हालांकि, उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, 'इसमें भ्रष्टाचार कहां है? हमने 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. उन्होंने (फॉर्मूला-ई) भुगतान स्वीकार कर लिया है. यह एक वैध और सीधा लेनदेन था.'
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केटीआर ने एसीबी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'एचएमडीए (हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी) का इंडियन ओवरसीज बैंक में एक खाता है और उस खाते से पैसा ट्रांसफर किया गया है.' बता दें कि नवंबर 2023 में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति को 10 वर्षों के बाद कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी थी. 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था, जबकि बीआरएस को 39 सीटों पर ही सफलता मिल सकी थी. बीजेपी के खाते में 8 सीटें गई थीं. असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 7 और सीपीआई ने 1 सीट जीती थी.