
चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह दिए जाने के बाद, बीते काफी समय से उद्धव गुट और शिंदे गुट में चल - अचल संपत्ति को लेकर काफी रस्साकशी चल रही थी. इस मामले में अब एकनाथ शिंदे ने बड़ा दिल दिखाया है
पार्टी की संपत्तियों और बैंक खातों पर किसका नियंत्रण होगा? इसे लेकर शिंदे गुट और उद्धव गुट में तनातनी को अब एकनाथ शिंदे ने खत्म करने का फैसला किया है. विभाजन के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रही शिवसेना यूबीटी को राहत देते हुए शिंदे ने 2022 से पहले शिवसेना के बैंक खाते में जमा पैसों पर दावा नहीं करने का फैसला किया है.
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शिंदे गुट ने दी उद्धव की जानकारी
राजनीतिक कटुता के दौर में यह एक नई मिसाल कायम होगी. शिंदे गुट की शिवसेना ने फैसला किया है कि 2022 से पहले जो भी बैंक में राशि है, उस पर दावा नहीं किया जाएगा. यानी उद्धव गुट की शिवसेना के पास वह पैसे आ जाएंगे जो 2022 से पहले शिवसेना के नाम पर बने बैंक खाते में जमा थे. सूत्रो के मुताबिक, शिंदे ग्रुप की शिवसेना ने इसकी जानकारी शिवसेना यूबीटी को दे दी है.
जब बगावत के बाद टूट गई थी शिवसेना
आपको बता दें कि करीब ढ़ाई साल पहले 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी. शिंदे को सीएम बनाया गया था. देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे. उद्धव पक्ष ने दल-बदल कानून के तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया. फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं.बाद में शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता मिली थी और चुनाव चिह्न भी उन्हें ही मिला था.
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