Advertisement

'अबू आजमी को इशारा कर दिया है, जो संभाजी का अपमान करेगा उसे...', शिंदे की वॉर्निंग

औरंगजेब पर विवादित बयान के बाद अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा सत्र से सस्पेंड किया गया था. महाराष्ट्र सराकर में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा सत्र से अबू आजमी को सस्पेंड करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.

अबू आजमी और एकनाथ शिंदे अबू आजमी और एकनाथ शिंदे
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

औरंगजेब को लेकर विवादित बयान करने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से सस्पेंड किया गया है. लेकिन इसके बावजूद यह मामला अभी शांत नहीं हुआ है. महराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है.

औरंगजेब पर अबू आजमी की टिप्पणी के बाद उनके सस्पेंशन पर शिंदे ने कहा कि अभी तो यह पहला स्टेप ही है. अभी तो उन्हें (आजमी) इशारा दिया गया है. समझने वाले को इशारा काफी है. उन्हें समझदारी से काम करना चाहिए. जो भी शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान करेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं. 

Advertisement

बता दें कि औरंगजेब पर विवादित बयान के बाद अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा सत्र से सस्पेंड किया गया था. महाराष्ट्र सराकर में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा सत्र से अबू आजमी को सस्पेंड करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आजमी को विधायकी से हटाना चाहिए ना कि सिर्फ एक सत्र के लिए उन्हें सस्पेंड करना चाहिए. छत्रपति शिवाजी पूजनीय हैं और उनका अपमान करने वालों को हम आसानी से जाने नहीं दे सकते.

विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने मांग ली थी माफी

औरंगजेब पर दिए गए बयान के बाद से सियासत गर्माने पर अबू आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता.

अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा नहीं हूं. मैं जो कुछ कहा था, वह असल में किन्हीं इतिहासकारों का व्यक्तव्य था. अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं. 

बता दें कि औरंगजेब पर बयानबाजी को लेकर महाराष्ट्र के ठाणे में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता. इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है. मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त हो रहा है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement