Advertisement

राजनीतिक दलों के छोटे-छोटे चंदे पर भी नजर रखेगा चुनाव आयोग, बनाया है ये प्लान

निर्वाचन आयोग ने सरकार को चुनाव सुधार के लिए भेजी गई सिफारिशों में इसे भी प्रमुखता से शामिल किया है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक, असली खेल 20 हजार रुपए वाले नियम की आड़ में ही होता है.

राजनीतिक दल को निर्वाचन आयोग को हर साल मिलने वाले चंदे का ब्यौरा भेजना होता है. राजनीतिक दल को निर्वाचन आयोग को हर साल मिलने वाले चंदे का ब्यौरा भेजना होता है.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST
  • चुनाव आयोग बढ़ा रहा है पार्टियों की निगरानी का दायरा
  • दो सीटें जीतकर एक छोड़ने वाले नेताओं पर जुर्माने की तैयारी

चुनाव आयोग राजनीतिक दलों पर और सख्ती करने जा रहा है. EC अब पार्टियों को मिलने वाले छोटे-छोटे चंदे पर भी नजर रखेगा. निर्वाचन आयोग की तरफ से कहा गया है कि राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से कम की रकम में मिलने वाले चंदे पर भी नजर रखी जाएगी. जैसे कोई भी शख्स सालभर में अगर किसी भी पार्टी को कई बार चंदा देता है जिसकी कुल धनराशि 20 हजार से ज्यादा हो तो उस आय के बारे में भी राजनीतिक दल को निर्वाचन आयोग को हर साल भेजे जाने वाले ब्यौरे में शामिल करना होगा. 

Advertisement

निर्वाचन आयोग ने सरकार को चुनाव सुधार के लिए भेजी गई सिफारिशों में इसे भी प्रमुखता से शामिल किया है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक, असली खेल 20 हजार रुपए वाले नियम की आड़ में ही होता है. क्योंकि अभी राजनीतिक दलों को ये छूट है कि वो सिर्फ 20 हजार रुपए या इससे ज्यादा की एकमुश्त रकम का चंदा मिलने के बाद ही उसकी जानकारी अपने आय व्यय के हिसाब में शामिल कर निर्वाचन आयोग को भेजते हैं.

फार्म 24A के जरिए शेयर करना होगी जानकारी

लेकिन चुनाव सुधार के सिलसिले में नियमों में बदलाव की सिफारिशों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति, संस्था या प्रतिष्ठान साल में चार बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को दस दस हजार रुपए चंदा देता है तो उसे एक स्रोत से 40 हजार रुपए का चंदा ही माना जाएगा. उसके बारे में हरेक जानकारी फार्म 24a के जरिए आयोग के साथ शेयर करना लाजिमी होगा.

Advertisement

अब इन नेताओं को लगेगा फाइन

निर्वाचन आयोग इस बाबत भी कानूनी उपाय करने जा रहा है जिसमें नेता दो-दो जगह से चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं, फिर एक सीट छोड़ देते हैं. वहां दोबारा चुनाव कराने का खर्च और सारी व्यवस्थाएं करनी होती हैं. आयोग की चुनाव सुधार सिफारिशों में ऐसी स्थिति में उम्मीदवार पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है.

चंदे में नहीं कर सकेंगे कोई खेल 

निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ अधिकारियों के मुताबिक राजनीतिक दल जितना चंदा हिसाब में दिखाते हैं वो तो सिर्फ बीस हजार रुपए या इससे ज्यादा धनराशि में एकमुश्त मिली रकम होती है. ये तो पार्टी की सकल आय में ऊंट के मुंह में जीरे की तरह ही होती है. असली खेल तो बीस हजार रुपए से कम वाली स्कीम के जरिए ही होता है. लिहाजा अब आयोग की नजर इस खेल को खत्म करने पर है.

ये सिफारिशें पहले विधि आयोग को भी भेजी गई हैं. अब विधि और न्याय मंत्रालय को भेजी गई इन सिफारिशों में दशकों से लंबित चुनाव सुधार की दिशा में तेजी से कदम उठाने का आग्रह किया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement