
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हो चुकी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की बेंच ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई शुरू की है. इस आवेदन में, दो मौकों पर सीलबंद बक्सों में कोर्ट को सौंपे गए चुनावी बॉन्ड के दस्तावेजों को वापस करने की मांग की गई है.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमने आपको जो सीलबंद रिकॉर्ड दिया है, उसकी कॉपी हमने नहीं रखी है. लिहाजा हमें वो खुलासे के लिए चाहिए.
इस पर कोर्ट ने कहा कि बॉन्ड नंबरों का भी खुलासा किया जाए. कोर्ट ने स्टेट बैंक को डाटा की कॉपी देने का आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में जमा सीलबंद डाटा की स्कैन कॉपी अपने पास रखे और मूल डाटा कल शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंप दे.
'SBI आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया...'
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पांच-जजों की बेंच ने कहा कि एसबीआई ने 11 मार्च के कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया है, जिसमें बैंक को चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा करने का आदेश दिया गया था.
बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि चुनावी बांड से जुड़ी सभी जानकारी- खरीद की तारीख, खरीदार का नाम, मूल्यवर्ग सहित उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि एसबीआई ने चुनावी बांड संख्या (अल्फा न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा नहीं किया है. कोर्ट ने SBI को आदेश दिया कि हर तरह की जानकारी का खुलासा किया जाए. हम रजिस्ट्री को निर्देश देते हैं कि वह एसबीआई को नोटिस जारी करे.
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कोर्ट की सख्ती के बाद जारी हुआ बॉन्ड डाटा
इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया था. अब चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. चुनाव आयोग की ओर से अपनी वेबसाइट पर जो डाटा शेयर किया गया है, उसमें 12 अप्रैल 2019 के बाद से 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये कीमत के चुनावी बॉन्ड (ये बॉन्ड अब समाप्त हो चुके हैं) की खरीद संबंधी जानकारी दी गई है. इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों का ब्योरा दिया गया है, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. साथ ही उन पार्टियों का भी विवरण है, जिन्हें ये चुनावी चंदा दिया गया था.