
सुप्रीम कोर्ट में भले इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता पर उठा कानूनी विवाद अभी लंबित हो लेकिन पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव से पहले हुई इलेक्टोरल बॉन्ड्स की बिक्री का नतीजा आ गया है. इस साल की आखिरी इलेक्टोरल बॉन्ड्स की 'सेल' में कुल 1109 बॉन्ड्स खरीदे गए. इनकी कीमत 1006 करोड़ तीन लाख रूपए है.
हैदराबाद में हुई सर्वाधिक बिक्री
भारतीय स्टेट बैंक के सूत्रों के मुताबिक छह नवंबर से 20 नवंबर के बीच के पखवाड़े भर में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद शाखा से 386 बॉन्ड खरीदे गए. इनका मूल्य 359 करोड़ रुपए था. इलेक्टोरल बॉन्ड्स की ये 29 वीं बिक्री थी और 2023 में बॉन्ड्स बिक्री की ये आखिरी खिड़की 20 नवंबर को बंद हो गई.इस अवधि के दौरान अन्य राज्यों में स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं में बिके कुल बॉन्ड्स की कीमत का लगभग 36 फीसद है.
दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में ही कुल बॉन्ड्स की बिक्री में लगभग 80 फीसदी हिस्सेदारी रही. मुंबई में 259 करोड़ तीस लाख कीमत के 263 और दिल्ली में 182 करोड़ 75 लाख कीमत के 212 बॉन्ड खरीदे गए.
90 फीसदी बॉन्ड्स एक करोड़ वाले
सेवानिवृत्त कोमोडोर लोकेश बतरा को भारतीय स्टेट बैंक ने आरटीआई के जवाब में बताया कि करीब 997 बॉन्ड्स तो एक करोड़ कीमत वाले खरीदे गए. यानी कुल बिके बॉन्ड्स में करीब 90 फीसदी तो एक करोड़ कीमत वाले बॉन्ड्स ही थे.
सभी बॉन्ड्स तय समय सीमा में जमा कर दिए गए यानी उनका भुगतान भी हो गया.दिल्ली में 882 करोड़ 80 लाख रुपए कीमत के 963 बॉन्ड्स का संबंधित पार्टियों के खाते में भुगतान हुआ. हैदराबाद में 81 करोड़ 50 लाख रुपए मूल्य के 95 बॉन्ड्स का भुगतान हुआ.
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम क्या है, कौन खरीद सकता है?
चुनावी बॉन्ड योजना के प्रावधानों के अनुसार, इसे भारत के किसी भी नागरिक या भारत में स्थापित कंपनी द्वारा खरीदा जा सकता है. कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है. केवल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल और जिन्हें लोकसभा या राज्य विधान सभा के पिछले चुनाव में कम से कम 1 प्रतिशत वोट मिले हों, वे चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने के पात्र हैं.