
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया. अधिवक्ता शादान फरासत ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया कि इस मामले की सुनवाई एक बड़ी पीठ द्वारा की जानी चाहिए.
दलीलों पर सहमति जताते हुए सीजेआई ने कहा कि उठाए गए मुद्दे के महत्व को देखते हुए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 145(4) के संबंध में, मामले को कम से कम पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाएगा. 30 अक्टूबर, 2023 के लिए ये सूचीबद्ध है.
अदालत विधानसभा चुनावों के वर्ष में चुनावी बांड की बिक्री के लिए एडिशनल विंडो की अनुमति देने वाली केंद्र की हालिया अधिसूचना को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं. शीर्ष अदालत के समक्ष वित्त अधिनियम 2017 और वित्त अधिनियम 2016 के माध्यम से विभिन्न कानूनों में किए गए कम से कम पांच संशोधनों को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाएं इस आधार पर लंबित हैं कि उन्होंने राजनीतिक दलों के लिए असीमित, अनियंत्रित फंडिंग के दरवाजे खोल दिए हैं.