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भारत में अब तक 3 बार लग चुका है आपातकाल, जानिए इंदिरा गांधी की लगाई इमरजेंसी पर ही क्यों मचता है बवाल?

आज 25 जून है, आज के ही दिन 1975 को देश में आपातकाल लगा था. इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इमरजेंसी की घोषणा की थी. यह पहली बार नहीं था जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी. 1975 में तीसरी बार इसकी घोषणा हुई. आइए जानते हैं कब-कब देश में आपातकाल लगा और क्यों इसकी घोषणा की गई.

आपातकाल (Creative Designer- Abhay Kumar) आपातकाल (Creative Designer- Abhay Kumar)
सिद्धार्थ भदौरिया
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:04 AM IST

आज से ठीक 49 साल पहले 1975 में 25 जून को इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने देश पर इमरजेंसी थोपी थी. इस दौरान लोगों से उनके मौलिक अधिकार तक छीन लिए गए थे. वैसे यह पहली बार नहीं था जब देश में आपातकाल लगाया गया, लेकिन जिस वजह से और जिन परिस्थितियों में  इसकी घोषणा की गई थी, उससे पूरे देश में उथल-पुथल मच गई थी. 1975 के पहले भी देश में दो बार इमरजेंसी लगाई गई थी, लेकिन दोनों ही बार इसके पीछे ठोस वजह थी. 1975 से पहले कब-कब और क्यों इमरजेंसी लगानी पड़ी थी?

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कब और कैसे लगता है आपातकाल

भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की जाती है. इसके तहत नागरिकों के सभी मौलिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं. जब सम्पूर्ण देश या किसी राज्य पर अकाल, बाहरी देशों के आक्रमण या आंतरिक प्रशासनिक अव्यवस्था या अस्थितरता आदि की स्थिति उत्पन्न हो जाए, उस समय उस क्षेत्र की सभी राजनैतिक और प्रशासनिक शक्तियां राष्ट्रपति के हाथों में चली जाती हैं. भारत में अब तक भारत में कुल तीन बार आपातकाल लग चुका है. इसमें वर्ष 1962, 1971 तथा 1975 में अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया था.

इंदिरा गांधी                                                                                                                                Photo Credit - Getty

1962 में लगा पहला आपातकाल

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पहली बार देश में आपातकाल 26 अक्टूबर 1962 से 10 जनवरी 1968 के बीच लगा. यह वह दौर था जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था. उस समय आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई, क्योंकि तब "भारत की सुरक्षा" को "बाहरी आक्रमण से खतरा" घोषित किया गया था.  इस वक्त देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे. 

मोर्चे पर तैनात जवानों से बातचीच जवाहर लाल नेहरू                                                                            Photo Credit - Getty

1971 में दूसरा आपातकाल

दूसरी बार 3 से 17 दिसंबर 1971 के बीच आपातकाल लगाया गया. यह वह वक्त था जब भारत-पाकिस्तान युद्ध चल रहा था. इस वक्त भी देश की सुरक्षा को खतरा देखते हुए आपात काल की घोषणा की गई थी. 1971 में भी बाहरी आक्रमण का खतरा देखते हुए आपातकाल की घोषणा की गई थी.  उस समय वीवी गिरी राष्ट्रपति थे. 

युद्ध के लिए जाते जवान                                                                                            Photo Credit - Getty

1975 का आपातकाल

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तीसरी बार इमरजेंसी की घोषणा इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए  25 जून 1975 को की गई. तब आपातकाल लागू करने के पीछे कारण देश में आंतरिक अस्थितरता को बताया गया. इंदिरा कैबिनेट ने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से आपातकाल की घोषणा करने की सिफारिश की. यह आपातकाल 21 मार्च 1977 तक लागू रहा.

तीसरे आपातकाल पर क्यों मचता है बवाल?

तीसरे आपातकाल को राजनीतिक दल अलोकतांत्रिक फैसला बताते हुए इंदिरा सरकार और कांग्रेस को घेरते रहते हैं. जिन परिस्थितियों में आपातकाल लागू करने की घोषणा की गई थी, जिस तरीके से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी जानकारी दी, उसे लेकर सवाल उठे. इंदिरा सरकार के फैसले को तानाशाही बताते हुए विभिन्न संगठन खिलाफ उतर आए और भारी विरोध शुरू हो गया.

दरअसल, 1975 में आपातकाल लागू करने का ऐलान इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद आया था. हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर 12 जून 1975 को फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रायबरेली से निर्वाचन को रद्द कर दिया था और अगले 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. इसके बाद इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग शुरू हो गई और देश में जगह-जगह आंदोलन होने लगे. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा.  इसके बाद आपातकाल की घोषणा की गई थी. 

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