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दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के सहपोरा इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ की खबर है. बताया जा रहा है कि शोपियां के बदीमर्ग/अलौरा इलाके के बागों में मुठभेड़ चल रही है. जिसमें अब तक एक आतंकी के मारे जाने की खबर है.
मंगलवार को शोपियां मुठभेड़ में मारे गए मिलिटेंट की पहचान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के 23 वर्षीय छात्र राजा नदीम के रूप में की गई है. वह 27 मार्च, 2020 से लापता था. उसके परिवार ने सरकार से अपील भी की थी कि वो नदीम का पता लगाने में उनकी मदद करे.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अब्दुल रहमान राथर का बेटा राजा नदीम 27 मार्च, 2020 से अपने नियमित काम के लिए घर से निकलने के बाद से लापता था. नदीम के पिता ने कहा कि उसके घर से निकलने के तुरंत बाद परिवार के सभी लोगों ने नदीम को कई बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था.
जानकारी के मुताबिक नदीम एनडीए क्वालिफाई कर चुका था. इसके अलावा नदीम वेटरनिटी साइंस में स्नातक की पढ़ाई भी कर रहा था.
पिछले 20 घंटे के दौरान उत्तरी कश्मीर में ये तीसरी मुठभेड़ है. इससे पहले सोमवार को सोपोर में एक मुठभेड़ हुई थी. इससे पहले सुरक्षा बलों ने कुपवाड़ा और सोपोर में कुल 3 आतंकियों को मार गिराया है. तीन में से दो मारे गए आतंकी लश्कर के थे. सोपोर में मारे गए आतंकी की पहचान हनजुल्लाह के रूप में हुई है जो पाकिस्तान के लाहौर का रहने वाला था.
वहीं कुपवाड़ा में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी की पहचान तुफैल के रूप में हुई है जबकि कुपवाड़ा में मारा गया दूसरा आतंकी स्थानीय बताया जा रहा है. सोपोर में मारे गए हनजुल्लाह के पास से एक एके-47 राइफल और 5 मैगजीन बरामद हुई है. जानकारी के मुताबिक सोपोर में 4 आतंकी थे लेकिन एनकाउंटर शुरू होते ही तीन आतंकी भाग निकले, उनकी तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.
घाटी में दहशतगर्दों का दुस्साहस
दूसरी तरफ घाटी में इन दिनों दहशतगर्दों का दुस्साहस जारी है. हाल ही में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया है. पुलिस के मुताबिक दहशतगर्दों ने मजदूरों पर ग्रेनेड फेंका है. इसमें दो मजदूर घायल हो गए थे.
वहीं 26 दिन में टारगेट किलिंग की 10 घटनाएं सामने आने के बाद घाटी से पलायन की खबरें भी आई थीं. लगातार हो रही टारगेट किलिंग की घटनाओं से कश्मीरी हिंदुओं में इस बात का डर है कि 'पता नहीं, कौन, कब, कहां से गोली मार दे.' सुरक्षाबल मुस्तैद है. कई आतंकी मारे भी जा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके टारगेट किलिंग की घटनाएं नहीं रुक रहीं हैं.