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'मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने का निर्देश दीजिए,' पर्यावरणविद की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये जवाब

पर्यावरणविद की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और नाराजगी जताई है. SC ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की याचिकाओं को स्वीकार ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा यह किस तरह की याचिका है. आप इस तरह की मांग कैसे कर सकते हैं. अगर आप एक पर्यावरणविद हैं तो आप अपने विशिष्ट ज्ञान के साथ भाषण कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकते.

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक पर्यावरणविद की याचिका को खासी नाराजगी जताई. इसके साथ ही रजिस्ट्री को याचिका के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं. पर्यावरणविद किशोर सावंत ने राष्ट्रपति को पद से हटाने की मांग की थी. उन्होंने खुद को राष्ट्रपति नियुक्त करने का निर्देश देने के लिए कहा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने किशोर सावंत की याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने किशोर सावंत की मांग को तुच्छ करार दिया. कोर्ट का कहना था कि ये याचिका न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

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सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की याचिकाओं को स्वीकार ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा यह किस तरह की याचिका है. आप इस तरह की मांग कैसे कर सकते हैं. अगर आप एक पर्यावरणविद हैं तो आप अपने विशिष्ट ज्ञान के साथ भाषण कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकते. पर्यावरणविद किशोर सावंत ने याचिका में कहा था कि मुझे भारत का राष्ट्रपति नियुक्त किया जाए, ताकि वह दुनिया को बचा सकें.

'ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया तो सुबूत दीजिए'

एक अन्य याचिका के जरिए ताजमहल के बारे में सुबूत मांगे गए. याचिका में कहा कि अगर ताजमहल को शाहजहां ने ही बनवाया है तो वो इसके सबूत चाहते हैं. ताजमहल के असली इतिहास का पता लगाने को लेकर कमरे खुलवाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये एक पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है. हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करके कोई गलती नहीं की है. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने वो याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं कि शाहजहां ने ही ताजमहल बनवाया था.

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विकिपिडिया पर आयुर्वेद को बदनाम करने का आरोप

विकिपीडिया में छपे कुछ लेख के खिलाफ आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया है. एसोसिएशन ने इन लेखों में आयुर्वेद को बदनाम करने वाली बातें लिखी होने का हवाला दिया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि विकिपीडिया में एडिट का भी विकल्प होता है. आप लेख को संपादित कर सकते हैं.

 

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