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'एथिक्स कमेटी गंदे सवाल पूछ रही थी', तमतमाते हुए निकलीं महुआ ने रिपोर्टर को दिखाईं आंखें!

TMC सांसद महुआ मोइत्रा आज संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुईं. लेकिन इन दौरान हंगामा हो गया. सांसद तमतमाती हुईं बाहर निकली और उन्होंने कहा कि कमेटी मुझसे गंदे सवाल पूछ रही थी.

एथिक्स कमेटी की बैठक से तमतमाकर बाहर निकलीं महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी की बैठक से तमतमाकर बाहर निकलीं महुआ मोइत्रा
हिमांशु मिश्रा/पॉलोमी साहा/ऐश्वर्या पालीवाल
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

कैश फॉर क्वेरी केस में आरोपों का सामना कर रहीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा आज संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुईं. इस दौरान उनसे कमेटी के सदस्यों ने संसद में सवाल के बदले पैसे लेने के संबंध में सवाल पूछे, तभी महुआ तमतमाती हुईं बाहर निकलीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी मुझसे गंदे सवाल पूछ रही थी. साथ ही उन्होंने एक सवाल के जवाब में रिपोर्टर्स को अपनी आंखें दिखाते हुए पूछा कि क्या आपको मेरी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे हैं? महुआ ने पैनल के अध्यक्ष पर टीएमसी सांसद से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया.

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सूत्रों के मुताबिक मोइत्रा ने उन पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताने के साथ ही खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्राई की दुश्मनी से प्रेरित हैं, क्योंकि उन्होंने उनके साथ अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे. बताया जा रहा है कि एथिक्स कमेटी की मीटिंग में मोइत्रा को कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी, बसपा के दानिश अली सहित कुछ विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला. जबकि वीडी शर्मा सहित कुछ भाजपा सदस्य चाहते थे कि वह आरोपों का जवाब दें.

कमेटी ने देहाद्राई को लेकर पूछे थे सवाल

सूत्रों के मुताबिक एथिक्स कमेटी के समक्ष उनके बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्राई के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछा गया था, क्योंकि वह इस केस में आरोपों के लिए उन्हें ही दोषी ठहराती दिखाई दे रही हैं. देहाद्राई की दलील का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास शिकायत दर्ज की, जिन्होंने मामले को समिति को भेज दिया था.
 

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मोइत्रा ने खारिज किए सभी आरोप 

इससे पहले TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि कोई भी आरोप लगा सकता है, लेकिन आरोपों को साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है. मैंने संसद की एथिक्स कमेटी को सौंपे गए हलफनामे को पढ़ा है. हलफनामे में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि मुझे 2 करोड़ रुपये नकद दिए गए थे. महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया.

'डेट बताएं कि कैश कब दिया गया'

महुआ ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा था कि अगर मुझे सवाल पूछने के एवज में कैश दिया गया था तो प्लीज डेट भी मेंशन करें कि ये कब हुआ. साथ ही कहा कि सभी दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रदान करें. महुआ ने निशिकांत दुबे के इस आरोप के लिए भी उनकी आलोचना की कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने लोकसभा में पीएम मोदी और गौतम अडानी के खिलाफ सवाल उठाने के लिए उन्हें कैश दिया था.

एथिक्स कमेटी के सामने पेश क्यों हुईं?

कैश फॉर क्वेरी मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा को संसद को संसद की एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन भेजा था. एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि समिति ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे औऱ वकील जय अनंत देहाद्रई को पूछताछ के लिए बुलाया था. वे लोग पेश हो चुके हैं. दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने पेश होने के लिए समय मांगा था.दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी की ओर से संसद में "सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने" का आरोप लगाया था.
 

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