
सीपीआई के नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म पुरस्कार ठुकराकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा, मैं इस पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता. इस बारे में मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया. अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण देने का फैसला किया है, तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं.
वहीं, आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय की ओर से बुद्धदेव भट्टाचार्य की पत्नी को पद्म पुरस्कार देने के सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी गई थी, उस वक्त परिवार ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी.
भट्टाचार्य की पत्नी ने अधिकारियों से कहा था कि वे अपने पति को इस बारे में सूचना देंगी. इसके बाद भी परिवार के सदस्य ने गृह मंत्रालय को यह जानकारी नहीं दी कि वे पद्म पुरस्कार लेने को तैयार नहीं हैं. सामान्य तौर पर केंद्र सरकार पद्म पुरस्कार के लिए नाम की घोषणा करने से पहले पुरस्कार विजेता की सहमति लेती है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुत्व के पोस्टर बॉय रहे दिवंगत कल्याण सिंह और भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण देना का ऐलान किया गया. जनरल बिपिन रावत का निधन हाल ही में हेलिकॉप्टर क्रैश में हो गया था. वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण के लिए नामित किया गया.
वहीं, सीपीआई (एम) ने पुरस्कार ठुकराने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि पार्टी की नीति है कि ऐसे राज्य पुरस्कारों को स्वीकार नहीं करना है. CPI(M) की ओर से ट्वीट कर कहा गया, कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण के लिए नामित किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. पार्टी की नीति ऐसे पुरस्कारों को न लेने की रही है. इससे पहले कॉमरेड ईएमएस (नंबूदरीपाद) ने भी इसे अस्वीकार कर दिया था.
77 साल के बुद्धदेव भट्टाचार्य सीपीआई (एम) के बड़े नेता हैं. वे 2000 से 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं. हालांकि, वे अब उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्वस्थ्य हैं. सीपीआई(एम) के मुताबिक, बुद्धदेव और पार्टी दोनों ने मिलकर पुरस्कार न लेने का फैसला किया.
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बुद्धदेव द्वारा पुरस्कार न लेने पर कहा कि यह उनका निजी फैसला है. देश ने उन्हें सम्मानित करने का फैसला किया. अब यह उनपर निर्भर करता है कि वे इसे ले रहे हैं या नहीं. वहीं, टीएमसी ने कहा, इससे बीजेपी और सीपीआई (एम) के गठजोड़ का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि भट्टाचार्जी ने ऐसा कोई योगदान नहीं दिया जो पुरस्कार के लायक हो.