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फर्जी बिल-फर्जी लाभार्थी और फर्जी मुआवजा.... पंजाब में अमरूद कंपनसेशन स्कैम में बड़े अफसर अरेस्ट

पंजाब के मोहाली में 124 करोड़ रुपये के अमरूद पेड़ मुआवजा घोटाले में पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व पीसीएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी जब नौकरी के दौरान भूमि अधिग्रहण कलेक्टर था, तब इस घोटाले को अंजाम दिया गया था.

124 करोड़ रुपये के अमरूद पेड़ मुआवजा घोटाले में रिटायर्ड अधिकारी अरेस्ट (प्रतीकात्मक फोटो) 124 करोड़ रुपये के अमरूद पेड़ मुआवजा घोटाले में रिटायर्ड अधिकारी अरेस्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये के अमरूद पेड़ मुआवजा घोटाले के सिलसिले में पंजाब सिविल सेवा के एक रिटायर अधिकारी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया. सतर्कता ब्यूरो ने एक बयान में कहा, घोटाले में यह 20वीं गिरफ्तारी है, जिसमें एसएएस नगर (मोहाली) जिले के बाकरपुर गांव में ‘ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी’ (जीएमएडीए) द्वारा अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे में लगभग 124 करोड़ रुपये का गलत दावा किया गया था. 

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तब एलएसी थे जोहल

जिस अवधि में कथित घोटाला हुआ था उस दौरान आरोपी जगदीश सिंह जोहल गमाडा के भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी) थे. बयान में कहा गया है कि जोहल ने फर्जी लाभार्थियों को उनके नाम और शेयरों वाली मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर गलत भुगतान के वितरण को मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस मामले में पिछले सप्ताह जीएमएडीए की एलएसी शाखा में तैनात दो सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया था.

नियमों की अनदेखी

पूछताछ के दौरान, उन्होंने आरोप लगाया कि जोहल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और उन्हें राजस्व रिकॉर्ड की अनदेखी करने और बागवानी विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार भुगतान के वितरण की मंजूरी के लिए नोटिंग शुरू करने को मजबूर किया. बयान में कहा गया है कि इसके बाद जोहल ने भुगतान को मंजूरी दे दी और बाद में कई लोगों को एक अवधि में लगभग 124 करोड़ रुपये जारी किए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.

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फर्जी लाभार्थियों को भुगतान

वास्तविक लाभार्थियों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, GMADA के मुख्य प्रशासक ने एलएसी को व्यक्तिगत रूप से अमरूद के बागों का निरीक्षण करने, पेड़ों की उम्र का पता लगाने के लिए रिकॉर्ड की जाँच करने और क्षेत्र का ड्रोन मैपिंग सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था. ब्यूरो ने बयान में आरोप लगाया कि जोहल ने जानबूझकर इन सभी चेकमार्क को नजरअंदाज किया और फर्जी लाभार्थियों के साथ मिलकर भुगतान जारी कर दिया.

 

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