
लोकसभा में गत बुधवार को एक गंभीर सुरक्षा चूक देखने को मिली, जब दो युवक विजिटर गैलरी से सदन के बीच में कूद गए और कलर स्प्रे गैस छोड़ दी. इस मुद्दे पर संसद की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले पूर्व अधिकारी वी. पुरूषोत्तम राव ने कहा कि इस तरह की घटना से बचा जा सकता था, यदि 2001 की सिफारिशों को लागू कर दिया गया होता.
बता दें कि 2001 में 13 दिसंबर को ही पुरानी संसद पर लश्कर और जैश के 5 आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस आतंकी हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी. जान गंवाने वालों में दिल्ली पुलिस के 6 जवान, संसद सुरक्षा सेवा के 2 जवान और एक माली शामिल थे. सुरक्षा कर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर सभी आतंकियों को ढेर कर दिया था.
संसद पर आतंकी हमले के बाद लोकसभा के तत्कालीन उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ था, जिसका काम था उन कमियों के बारे में पता लगाना, जिसकी वजह से देश के लोकतंत्र के मंदिर तक आतंकी पहुंच गए. इस समिति ने एक विस्तृत रिपोर्ट में सुरक्षा खामियों को उजागर करते हुए इन्हें दुरुस्त करने के लिए कुछ सिफारिशें की थीं. लेकिन 22 साल बाद भी उन सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है.
'स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का सही ढंग से पालन नहीं हुआ'
राव ने कहा कि उन्होंने 2001 में संसद पर हमला करने वाले पांच हमलावरों में से एक को खुद गोली मारी थी. उन्होंने बताया कि समिति द्वारा की गई सिफारिशों में से एक संसद की विजिटर गैलरी में बुलेट-प्रूफ ग्लास स्थापित करना भी शामिल था. उन्होंने कहा, 'मुझे किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह एक गंभीर चूक है. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) का सही ढंग से पालन नहीं किया गया'. वी. पुरूषोत्तम राव सीआरपीएफ में डीआइजी रैंक के अधिकारी थे और 1999 से 2004 तक संसद में सुरक्षा के प्रभारी थे. उन्होंने आगे कहा कि संसद सदस्यों को लोगों को दर्शक दीर्घा में आने देने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए.
2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में, दो युवक कल शून्यकाल के दौरान विजिटर गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए और अपने जूतों से कनस्तर निकालकर पीली गैस छोड़ी. उन्होंने नारे भी लगाए. सदन में मौजूद सांसदों ने दोनों को पकड़कर सुरक्षा कर्मियों के हवाले किया. लगभग उसी समय, एक महिला सहित दो व्यक्तियों ने संसद परिसर के बाहर 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया. चारों को सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया है.