
देश के स्वास्थ्य महकमे में AIIMS एक सक्रिय भूमिका निभाता है और बेहतरीन मेडिकल सुविधा देने के मामले में भी इन्हें काफी आगे माना जाता है. ऐसे में हर सरकार अपने घोषणापत्र में AIIMS की स्थापना का वादा तो कर ही देती है. मोदी सरकार की तरफ से भी AIIMS को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई हैं.
पीएम मोदी का ये मिशन है कि हर राज्य में एक AIIMS होना चाहिए. अब अभी के लिए सरकार 22 नए AIIMS बनाने पर जोर दे रही है. दावा किया गया है कि काम फुल स्पीड से जारी है और तय समय पर देश को नए AIIMS की सौगात मिल जाएगी.
अब इस सरकारी वादे के बीच आजतक/ इंडिया टुडे ने एक RTI दायर की. जानने का प्रयास रहा कि देश में अभी कुल कितने AIIMS सक्रिय हैं? ये भी जानना चाहा कि 2014 के बाद से सरकार द्वारा कितने नए AIIMS की घोषणा की गई है. वहीं उसी आरटीआई के जरिए उन AIIMS की प्रगति रिपोर्ट भी जानी गई. अब सरकार द्वारा इन सवालों का जवाब दिया गया है. बताया गया है कि 22 नए AIIMS बनाने की बात सरकार द्वारा की गई है. वहीं भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में 2012 से ही AIIMS सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर जो भी नए AIIMS सरकार द्वारा बनाए जाएंगे, उनका पूरा काम इसी साल जून से अक्टूबर के बीच में पूरा होना है. अब इस लक्ष्य के कितना करीब सरकार पहुंच गई है, उस पर एक नजर डालते हैं-
AIIMS नागपुर
150 एकड़ की जमीन पर बनने जा रहे इस AIIMS का काम इसी साल अगस्त तक पूरा करने की बात कही जा रही है. अभी के लिए यहां OPD और ICU को सक्रिय कर दिया गया है, वहीं IPD को अगस्त तक शुरू करने की तैयारी है. जानकारी मिली है कि पहले चरण का काम 99% पूरा हो चुका है, वहीं दूसरे चरण का काम भी 91% तक हो चुका है. इस AIIMS को बनाने पर 950 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
AIIMS कल्याणी ( पश्चिम बंगाल)
AIIMS कल्याणी का काम अभी भी जारी है. कुछ बिल्डिंग का निर्माण जरूर पूरा हो चुका है लेकिन अभी काफी निर्माण कार्य अधूरा दिखाई दे रहा है. वहीं जब आजतक की टीम जमीनी हकीकत जानने के लिए कैंपस के अंदर जाना चाहती थी, तो वहां खड़े अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी.
कुछ लोग वहां पर जरूर दिखाई पड़े, जो शायद मेडिकल के स्टूडेंट हो सकते हैं. यहां पर इसी साल जनवरी से OPD सर्विस चालू कर दी गई है, लेकिन सीमित मरीजों का ही इलाज होता है. पहले चरण का 94 प्रतिशत काम पूरा बताया गया है और दूसरे चरण में अभी 88 प्रतिशत काम हो पाया है.
AIIMS मंगलागिरी ( आंध्र प्रदेश)
AIIMS मंगलागिरी की जर्नी काफी दिलचस्प रही है. 2018 में ही AIIMS मंगलागिरी में काम शुरू हो गया था, लेकिन तब गवर्नमेंट सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, विजयवाड़ा में इसकी सर्विस दी जा रही थी. इसके बाद मार्च 2019 में मंगलागिरी के परमानेंट कैंपस में OPD सेवाएं शुरू कर दी गई थीं.
वहीं कोरोना काल में कोविड मरीजों के लिए भी 2020 की शुरुआत में सीमित अंदाज में IPD सेवा शुरू हो गई थी. वहीं सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज में ही 2018-19 बैच के MBBS छात्रों ने अपने पहले साल की पढ़ाई की थी. अब 2020 में AIIMS मंगलागिरी में 125 छात्रों की पढ़ाई शुरू कर दी गई है.
AIIMS गोरखपुर ( उत्तर प्रदेश)
24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस AIIMS का वर्चुअल अंदाज में उद्घाटन किया था. अभी के लिए इस गोरखपुर AIIMS का काम 85.3 प्रतिशत पूरा हो चुका है. वहीं ज्यादातर OPD सेवाएं भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.
इस AIIMS के बाद अब गंभीर मरीजों को तुरंत लखनऊ जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है. उनका इसी AIIMS में इलाज हो जाता है. बताया गया है कि औषधि चिकित्सा ओपीडी ,शल्य चिकित्सा ओपीडी, स्त्री एवं प्रसूति रोग ओपीडी, नाक कान व गला रोग ओपीडी, दंत रोग ओपीडी जैसे कई सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं.
AIIMS बठिंडा
पंजाब के बठिंडा में स्थापित किए जा रहे AIIMS का 78 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. बठिंडा एम्स में डॉक्टरों के 200 पद सृजित हैं लेकिन आज तक सिर्फ 60 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है .पहले यहां पर पेशेंट को देखकर माइनर ओपीडी का काम किया जा रहा था लेकिन कोरोना महामारी के समय में माइनर ओपीडी को भी बंद कर दिया गया.
अब कोविड और ब्लैक फंगस के जो मामले आ रहे हैं उस पर काम शुरू किया गया है. अभी तक बठिंडा एम्स में जो निर्माण कार्य चल रहा है वह काफी सुस्त है. इंटीग्रेटेड पेशेंट डिपार्टमेंट की बिल्डिंग का निर्माण भी डेडलाइन से पीछे है. बिल्डिंग बन चुकी है लेकिन उसको तैयार करने में अभी कम से कम 6 से 8 महीने और लग सकते हैं. एम्स के अंदर मेडिकल कॉलेज भी दो साल से चल रहा है. इस बार वहां तीसरे साल के छात्र दाखिल किए जाएंगे.
AIIMS बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में एम्स का कार्य प्रगति पर है, लेकिन कोरोना ने इसकी रफ्तार को धीमा कर दिया है. ओपीडी का भवन बनकर तैयार हो गया है और ओपीडी सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं. खास बात ये भी है कि एम्स के सभी महत्वपूर्ण पद भर दिए गए हैं जिनमें एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, 3 एकेडमिक और एम एस की भी तैनाती हो चुकी है.
इसके अलावा PGI के द्वारा आउट सोर्स स्टाफ की तैनाती भी की गई है. इसके अलावा एम्स में वैक्सीनेशन का एक सेंटर खोला गया है जिसमें 18 से 40 वर्ष की आयु के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. जानकारी तो ये भी मिली है कि यहां पर अंडरग्रैजुएट छात्रों के लिए क्लास भी शुरू हो चुकी हैं. इस सत्र में 50 विद्यार्थियों की एडमिशन हुआ है.