Advertisement

कर्नाटक में कांग्रेस जीत भी गई तब भी ये चुनौतियां मुंह बाए खड़ी रहेंगी!

कर्नाटक में अगर इस बार कांग्रेस की सरकार बनी तो कौन होगा मुख्यमंत्री, आज SC का फैसला तय करेगा महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार का भविष्य और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे का एजेंडा क्या होगा? सुनिए 'आज का दिन' में.

karnataka karnataka
ख़ुशबू कुमार
  • ,
  • 11 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

चुनावी राजनीति में सुस्ती शब्द एक्सिस्ट ही नहीं करता. पहले हाई वोल्टेज चुनाव प्रचार का दिन, फिर वोटिंग और उसके बाद नतीजे का दिन. इस बीच, एक और दिन सामने आता है और वो है एग्ज़िट पोल का दिन. कल कर्नाटक चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो गई और उसके बाद अलग-अलग मीडिया हाउस की ओर से कराए गए एग्जिट पोल्स जारी किए गए हैं. एग्जिट पोल में BJP और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. वहीं JD(S) फिर से किंगमेकर बनती दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस को 122 से 144 के बीच सीटें आएंगी, सरकार बनाने के लिए 113 सीट चाहिए, वहीं भाजपा को 62 से 80 के बीच और जनता दल सेक्युलर को 20 से 25 के बीच सीटें मिलने का अनुमान है. अगर एग्जिट पोल सटीक साबित होते हैं तो कर्नाटक में 38 साल पुराना हर चुनाव में सरकार बदलने का रिकॉर्ड कायम रहेगा. ऐसे में कांग्रेस की लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है, पार्टी जीत का सेहरा किसके सार बांधेगी, किसका दावा सबसे पुख़्ता है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

Advertisement
-------------------------------------
सुप्रीम कोर्ट के लिहाज़ से आज का दिन काफ़ी अहम है. आज कोर्ट में महाराष्ट्र की राजनीति और दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के बीच के टसल पर सुनवाई होगी. पांच जजों की कांस्टीट्यूशनल बेंच अपना फ़ैसला सुनाएगी. उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद राज्य में एक राजनीतिक संकट की स्थिति बन गई थी. शिव सेना दो गुटों में बटी, उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट. दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में पेटिशन डाले गए, याचिकाओं के एक बैच पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 16 मार्च को आदेश सुरक्षित रख लिया था. चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों वाली संविधान बेंच, दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर किसका नियंत्रण रहेगा, राज्य सरकार या केंद्र सरकार का इस पर भी फैसला सुनाएगी. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और और दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की पांच दिन दलीलें सुनने के बाद 18 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. शिव सेना और महाराष्ट्र सराकर के मामले में कोर्ट किन विषयों पर फ़ैसला लेने वाली है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 
—----------------------------------
अब फाइनली तय हो गया है कि अगले महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर जाएंगे. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत और अमेरिका कई महीनों से इस यात्रा को तय करने के लिए तैयारी कर रहे थे. 22 जून को प्रधानमंत्री के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ़र्स्ट लेडी जिल बाइडेन व्हाइट हाउस में स्टेट डिनर भी होस्ट करेंगे. भारत के प्रधानमंत्री का ये दौरा कितने दिनों का होगा, अभी इसके बारे में जानकारी नहीं है. व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए ऑफ़िशियल स्टेटमेंट में कहा गया है कि नरेंद्र मौदी का ये दौरा अमेरिका और भारत की साझेदारी को मजबूत करेगा. इस दौरे से पहले दोनों राजनेताओं दो और अवसरों पर एक दूसरे से मिलेंगे, पहली मुलाकात जापान में जी-7 देशों की बैठक में होगी, इसके बाद इस महीने के अंत में दोनों नेता ऑस्ट्रेलिया में क्वाड देशों के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा भी हिस्सा लेंगे. हालांकि जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद नरेंद्र मोदी का ये पहला बाइलैट्रल अमरिकी दौरा होगा. इस मुलाकात का एजेंडा क्या है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement