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फर्जी कंपनियां, चीन पैसे भेजने का शक... क्या है Vivo पर रेड की कहानी

चीनी मोबाइल कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है. श्याओमी के बाद अब वीवो पर ED ने एक्शन लिया है. वीवो पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

श्याओमी के बाद ED ने वीवो पर एक्शन लिया है. (फाइल फोटो) श्याओमी के बाद ED ने वीवो पर एक्शन लिया है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST
  • दिल्ली से महाराष्ट्र तक ED की छापेमारी
  • मनी लॉन्ड्रिंग करने का लगा है आरोप
  • अप्रैल में श्याओमी की संपत्ति की थी जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और चीनी मोबाइल कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस बार ED ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो (Vivo) से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली. उस पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है. ED ने मंगलवार को वीवो के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र समेत देशभर में 44 ठिकानों पर छापा मारा. इस छापेमारी पर वीवो ने बयान जारी कर कहा है कि वो जांच में सहयोग कर रही है. 

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चीनी कंपनियों पर केंद्र सरकार का एक्शन लगातार जारी है. चीनी कंपनियों पर भारत में काम करने के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी करने के आरोप लगते हैं. 

वीवो से पहले अप्रैल में ED ने चीनी मोबाइल कंपनी श्याओमी (Xiaomi) की 5,551 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी. उस पर ये कार्रवाई फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत की गई थी. वहीं, टैक्स चोरी के आरोप में फरवरी में चीनी टेलीकॉम कंपनी हुवावे (Huawei) पर छापा मारा था.

पिछले साल दिसंबर में आयकर विभाग (IT) ने श्याओमी, ओप्पो और वीवो से जुड़े ठिकानों और उनके डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां छापा मारा था. बाद में आईटी ने 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित बेहिसाब कमाई का पता लगाने का दावा किया था. इन कंपनियों पर भारत के टैक्स कानून और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था.

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कैसे शुरू हुई वीवो पर रेड की कहानी?

- हाल ही में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने जम्मू-कश्मीर स्थित वीवो के एक डिस्ट्रीब्यूटर्स के खिलाफ केस दर्ज किया था. आरोप था कि कुछ चीनी नागरिक कंपनी के शेयरहोल्डर्स थे और उन्होंने पहचान के तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था.

- EOW की FIR का संज्ञान लेते हुए ED ने वीवो के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया. वीवो पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है.

- ED को शक है कि ये सारी कथित जालसाजी के लिए शेल कंपनियां बनाई गईं और इनके जरिए अवैध रूप से कमाई गई रकम की हेराफेरी की गई. 

- इतना ही नहीं, एजेंसी को इस बात का भी शक है कि अवैध रूप से कमाई गई रकम को विदेशों में भेजा गया था या फिर टैक्स डिपार्टमेंट और कानूनी एजेंसियों को धोखे में रखकर कुछ दूसरे कारोबारों में लगाया गया था.

- इसी आधार पर वीवो के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मेघालय, देहरादून समेत देशभर के 44 ठिकानों पर छापा मारा गया है.

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- इस पूरी कार्रवाई पर वीवो के प्रवक्ता ने बयान जारी कर जांच में सहयोग करने की बात कही है. वीवो का कहना है कि वो अधिकारियों की मदद कर रही है और सभी जरूरी जानकारी मुहैया करा रही है. वीवो का कहना है को वो कानून के हिसाब से मदद करेगी.

भारत में कितना बड़ा है वीवो का मार्केट?

- मार्केट रिसर्च फर्म IDC के मुताबिक, भारत के स्मार्टफोन मार्केट में वीवो की हिस्सेदारी 15% है. 2022 की पहली तिमाही में वीवो ने 55 लाख स्मार्टफोन का शिपमेंट किया था. 

- वहीं, काउंटरप्वॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 से 20 हजार रुपये की कीमत के 5G स्मार्टफोन में वीवो भारत का सबसे बड़ा 5G ब्रांड है. ये रिपोर्ट मार्च 2022 की है.

 

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