Advertisement

'1947 में विभाजन न हुआ होता तो भारत सबसे बड़ा देश होता', तमिलनाडु में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

उन्होंने 2019 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में एयरफोर्स द्वारा किए गए बालाकोट हवाई हमलों ने बहुत जरूरी संदेश दिया था. वहीं चीन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर चीन आज बड़ी सेना को लाकर और हमारी सीमाओं का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर (File Photo) विदेश मंत्री एस जयशंकर (File Photo)
aajtak.in
  • चेन्नई,
  • 14 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन पर जमकर निशाना साधा. जयशंकर ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कहा कि पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद और चीन के साथ सीमा पर आक्रामक झड़प पर भारत की जवाबी कार्रवाई ने दिखा दिया है कि हम अब किसी के दबाव में नहीं आएंगे. भारत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेगा.

Advertisement

न्यूज एजेंसी के मुताबिक उन्होंने 2019 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में एयरफोर्स द्वारा किए गए बालाकोट हवाई हमलों ने बहुत जरूरी संदेश दिया था. वहीं चीन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर चीन आज बड़ी सेना को लाकर और हमारी सीमाओं का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है. COVID-19 के बावजूद, हमारी जवाबी कार्रवाई मजबूत और दृढ़ थी. हजारों की संख्या में तैनात हमारे सैनिकों ने कठिनाई भरे इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा की और आज भी वह इसमें जुटे हैं.

विदेश मंत्री ने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जो किसी के दबाव में नहीं आएगा और यह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेगा. केंद्र सरकार संबंधों का एक पूर्ण स्पेक्ट्रम बनाने के लिए काम कर रही है और करीबी सुरक्षा समन्वय से मजबूत आर्थिक संबंध मजबूत हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि 1947 में विभाजन नहीं हुआ होता तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश होता, न कि चीन. विभाजन ने देश के कद को कम कर दिया और कई क्षेत्रों को अलग कर दिया.

Advertisement

उन्होंने कहा, "आपको आश्चर्य हो सकता है कि विदेश मंत्री इन सब के बारे में क्यों बात कर रहे हैं. मेरी विदेश यात्रा के दौरान मैंने कई विकसित देशों को आपूर्ति किए गए हमारे (कोविड-19) टीकों और हमारे प्रौद्योगिकी-सक्षम शासन में रुचि के बारे में सराहाना सुनी है. मेरे समकक्षों ने बताया कि उन्हें कुछ दिक्कते हैं, जिस पर चूंकि हमारे पास केवल एक मोदी (प्रधानमंत्री) हैं, इसलिए मुझे उन्हें तकनीक के जरिए समाधान खोजने के लिए कहना पड़ा. वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी भारत मायने रखता है, क्योंकि क्षेत्रीय संकट का जवाब देने वाला देश हमेशा सबसे पहले होता है. भारत वैश्विक सुरक्षा में भी मायने रखता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement