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'75% मुद्दे सुलझ गए से मेरा मतलब...', चीन को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही ये बात

एस जयशंकर ने चीन को लेकर एक बार फिर कई बातें कही हैं. उन्होंने कहा,'भारत का चीन के साथ कठिन इतिहास रहा है. बीजिंग ने 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई सैनिकों को तैनात कर दिया था, जबकि भारत के साथ उसके स्पष्ट समझौते थे. चीन के साथ हमारा इतिहास मुश्किलों भरा रहा है.'

S Jaishankar (File Photo) S Jaishankar (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि चीन के साथ खासतौर से सैनिकों की वापसी (डिसइंगेजमेंट) से संबंधित तकरीबन 75 फीसदी समस्याएं सुलझ गई हैं. अपने इस बयान को लेकर उन्होंने अब कुछ और बातें कहीं हैं. विदेश मंत्री ने कहा,'जब मैंने भारत-चीन सीमा विवाद बातचीत में 75 फीसदी प्रगति होने की बाद कही थी तो मेरा मतलब सिर्फ पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर था.'

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एस जयशंकर ने कहा,'भारत का चीन के साथ कठिन इतिहास रहा है. बीजिंग ने 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई सैनिकों को तैनात कर दिया था, जबकि भारत के साथ उसके स्पष्ट समझौते थे. चीन के साथ हमारा इतिहास मुश्किलों भरा रहा है. चीन के साथ हमारे स्पष्ट समझौतों के बावजूद हमने कोविड के बीच में देखा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन किया और बड़ी तादाद में सेना को LAC पर भेज दिया.'

एस जयशंकर ने बताया- कैसे बिगड़े संबंध

विदेश मंत्री ने आगे कहा,'संभावना थी कि कोई दुर्घटना होगी और ऐसा ही हुआ. झड़प हुई और दोनों तरफ से कई सैनिक मारे गए. उन्होंने न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में कहा कि इस तरह रिश्ते प्रभावित हुए. जब मैंने कहा कि 75 प्रतिशत (सीमा विवाद) सुलझा लिया गया है, तो यह बात केवल पीछे हटने को लेकर थी. यह समस्या का एक हिस्सा है. इसलिए हम टकराव वाले बिंदुओं पर पीछे हटने के ज्यादातर मामलों को सुलझाने में सक्षम हैं. लेकिन गश्त से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने की जरूरत है. अब अगला कदम तनाव कम करना होगा.'

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'2020 में किया समझौतों का उल्लंघन'

बता दें कि इससे पहले 13 सितंबर को विदेश मंत्री ने जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में कहा था कि हमारे बीच अतीत में आसान संबंध नहीं रहे हैं. 2020 में जो हुआ वह कई समझौतों का उल्लंघन था, चीन ने बड़ी संख्या में सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भेज दिया. हमने, जवाब में, अपने सैनिकों को ऊपर भेज दिया. 

बीजिंग में हुई थी बैठक

आपको बता दें कि भारत और चीन ने 29 अगस्त को बीजिंग में WMCC की 31वीं बैठक की थी और दोनों पक्षों ने प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीमा क्षेत्रों में जमीन पर शांति और शांति बनाए रखने का निर्णय लिया था. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने एलएसी की स्थिति पर "स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी" विचारों का आदान-प्रदान किया और राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संपर्क बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की.

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