Advertisement

यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा, रिहाई के लिए परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गुहार

केरल की एक नर्स यमन में नौकरी करती थी. वहां हुए गृहयुद्ध की वजह से वह भारत लौट आई. लेकिन वापस नहीं जा सकी. बता दें कि यमन में उसे मौत की सजा सुना दी गई. पीड़ित परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट से इस केस की सुनवाई की गुहार लगाई. इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अनीषा माथुर
  • दिल्ली,
  • 14 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST
  • यमन में गृहयुद्ध की वजह से भारत लौटी थी
  • दिल्ली हाईकोर्ट में आज इस केस में सुनवाई हुई

यमन में मौत की सजा का सामना कर रही एक भारतीय नर्स के परिवार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है. बता दें कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई पर सहमति दी. सेव निमिषा प्रिया फाउंडेशन की ओर से दायर याचिका में भारत सरकार को यमन सरकार के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से हस्तक्षेप करने के लिए अदालत के आदेश की मांग की गई है. बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय में आज इस केस में सुनवाई हुई. 

Advertisement

जानकारी के मुताबिक केरल की एक नर्स निमिषा यमन में काम कर रही थीं. 2016 में हुए गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. लिहाजा निमिषा के पति और उनकी बेटी 2014 में भारत लौट आए,

जानकारी के मुताबिक नर्स वापस लौट नहीं सकीं. इसके बाद नर्स पर जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप लगाया गया. लिहाजा 7 मार्च को यमन में अदालत ने निमिषा की मौत की सजा को बरकरार रखा था.

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया है कि मृतक ने नर्स को शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया. उसका पासपोर्ट बंद ब्लॉक करा दिया. इसके अलावा उसने यमनी अधिकारियों के सामने खुद को उसका पति बताया. पीड़ित नर्स के परिवार ने कहा कि पीड़िता को इस केस में कोई सहायता नहीं मिल सकी है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement