
हिंदी की मशहूर लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari Passes Away) का निधन हो गया है. वह 'आपका बंटी' जैसी मशहूर रचनाओं की लेखिका हैं, जिसे हिन्दी साहित्य का मील का पत्थर माना जाता है. 90 वर्ष की मन्नू अपने लेखन में पुरुषवादी समाज पर चोट करती थीं. उनकी कई प्रसिद्ध रचनाएं हैं. इनमें से कुछ पर फिल्म भी बनी थी.
मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुआ था. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ाती थीं. साहित्यकार राजेंद्र यादव उनके पति थे. मन्नू भंडारी ने 'मैं हार गई', 'तीन निगाहों की एक तस्वीर', 'एक प्लेट सैलाब', 'यही सच है', 'आंखों देखा झूठ' और 'त्रिशंकु' जैसी कई कहानियां लिखीं.
इसके अलावा भी मन्नू भंडारी ने बहुत सारी बेहतरीन कहानियां और उपन्यास लिखे. उनकी लिखी कहानी 'यही सच है' पर 'रजनीगंधा' फिल्म बनी थी. इसे बासु चैटर्जी ने बनाया था.
'आपका बंटी' ने दिलाई पहचान
मन्नू भंडारी को सबसे ज्यादा शोहरत 'आपका बंटी' से मिली थी. इसमें प्यार, शादी, तलाक और वैवाहिक रिश्ते के टूटने-बिखरने की कहानी है. इसे हिन्दी साहित्य का मील का पत्थर माना जाता है. इस पर 'समय की धारा' नाम की फिल्म भी बनी थी. इस किताब का अनुवाद बांग्ला, अंग्रेजी और फ्रांसीसी में हुआ.