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'भारत पश्चिम देशों के साथ अमेरिका से भी जुड़ जाए तो फायदा होगा...', इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोले फरीद जकारिया

इंडिया टुडे ग्रुप के कॉन्क्लेव पॉप-अप, इलेक्शन स्पेशल के एक सेशन को संबोधित करते हुए फरीद जकारिया ने कहा कि अगर भारत पश्चिम देशों के आलवा, स्वतंत्र दुनिया के साथ, लोकतांत्रिक दुनिया के साथ अधिक मजबूती से जुड़ जाए तो उसे बहुत फायदा होगा.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव सेशन को संबोधित करते फरीद जकारिया इंडिया टुडे कॉन्क्लेव सेशन को संबोधित करते फरीद जकारिया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

वरिष्ठ पत्रकार और जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद जकारिया India Today Conclave में शामिल हुए. Conclave में उन्होंने कहा कि भारत अगर पश्चिम देशों के अलावा अमेरिका के साथ अधिक मजबूती से जुड़ जाए तो उसे ज्यादा फायदा होगा.

इंडिया टुडे ग्रुप के कॉन्क्लेव पॉप-अप, इलेक्शन स्पेशल के एक सेशन को संबोधित करते हुए फरीद जकारिया ने कहा कि अगर भारत पश्चिम देशों के आलवा, स्वतंत्र दुनिया के साथ, लोकतांत्रिक दुनिया के साथ अधिक मजबूती से जुड़ जाए तो उसे बहुत फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इससे न केवल तकनीकी, व्यावसायिक दृष्टि, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत लाभ होगा.

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जकारिया ने कहा कि बहु-स्तरीय विदेश नीति के साथ भारत दुनिया के इतिहास में सबसे तेजी से बढ़ते, सबसे शक्तिशाली और तकनीकी रूप से उन्नत देश (USA) से जुड़ने का अवसर खो रहा है. अमेरिका भारत को रिश्ते जोड़ने का ऑफर दे रहा है. वरिष्ठ पत्रकार जकारिया ने तर्क दिया कि अमेरिका को भारत से ज्यादा भारत को अमेरिका की जरूरत है.

उन्होंने 'नेहरूवादी गौरव' और अतीत की गुटनिरपेक्ष नीति की आलोचना की और कहा कि भारत ने अलग रहने का फैसला किया. दक्षिण कोरिया, जापान, ताइवान ने पक्ष चुना. 1950 में भारत की प्रति व्यक्ति आय दक्षिण कोरिया से अधिक थी. आज, दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति जीडीपी भारत से 35 गुना अधिक है. फरीद जकारिया ने कहा, यह अवसर लागत है जिसके बारे में मैं बात कर रहा हूं.

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