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कृषि कानूनों पर किसानों के तेवर सख्त, 14 दिसंबर को करेंगे भूख हड़ताल

किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. हमें संशोधन मंजूर नहीं है. हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं.

कृषि कानूनों को लेकर किसानों के तेवर सख्त (फोटो- PTI) कृषि कानूनों को लेकर किसानों के तेवर सख्त (फोटो- PTI)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST
  • कृषि कानूनों को लेकर किसानों के तेवर सख्त
  • 14 दिसंबर को भूख हड़ताल का ऐलान
  • 'सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले'

कृषि कानूनों को लेकर किसानों के तेवर और सख्त हो गए हैं. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए किसान नेताओं ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी. किसान नेताओं की ओर से कहा गया कि यूनियन के नेता 14 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे. 

किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. हमें संशोधन मंजूर नहीं है. हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं. कमलप्रीत पन्नू ने आगे कहा कि हमारे गांव से लोग चल पड़े हैं. लोग आ न सके इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, वो भी तोड़ दिए गए हैं.

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उन्होंने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है. कल रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे. 

कमलप्रीत पन्नू आगे कहते हैं कि 14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे.

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कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि 14 दिसंबर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे. हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे. वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चारुणी ने कहा कि पंजाब से आने वाले किसानों को रोका जा रहा है. हम सरकार से किसानों को दिल्ली पहुंचने की अनुमति देने की अपील करते हैं.

कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि हम अपनी माताओं और बहनों को भी इस आंदोलन में बुला रहे हैं. उनके लिए यहां रुकने की सभी व्यवस्था की जा रही है. महिलाओं के लिए वाटर प्रूफ टेटिंग होगी और बाथरुम होंगे.

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गुरनाम सिंह चारुणी ने आगे कहा कि अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हम उसी दिन गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस से उपवास शुरू करेंगे.

 

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