
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस (Farm laws repealed) लेने की घोषणा कर दी. इसके बाद क्रिया-प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है. जहां सत्ता पक्ष के लोग इस फैसले की सराहना कर रहे हैं. वहीं फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले पर असहमति जताई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मजबूरी में कानून वापस लेने का फैसला लिया है.
भाजपा सांसद कायमगंज स्थित सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं किसान बिल वापस लिए जाने से सहमत नहीं हूं. मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि बिल का सरलीकरण कर इन बिलों को लागू किया जाए. देश में आज़ादी के बाद से ही किसानों के पैरों में बेड़ियां पड़ी थीं. इस बिल से किसानों की बेड़ियां हटी थीं.
सांसद ने कहा कि बिल के वापस होने से किसानों में यह बेड़ियां फिर पड़ जाएंगी. किसान नेता राकेश टिकैत के बारे में उन्होंने कहा कि वह बताएं कि यह किसानों के हित में है या उद्योगपतियों के हित में है. कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने बिल को लेकर किसानों को लगातार गुमराह किया. लिहाजा प्रधानमंत्री को मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा है.
सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि इन बिलों से देश के किसी भी किसान का नुकसान नहीं हो रहा था. किसान अपनी फसल देश के किसी भी हिस्से में बेच सकते थे. मैं पीएम से अनुरोध करूंगा कि बिल का सरलीकरण कर इन्हें लागू किया जाए.