किसान नेताओं ओर पुलिस के बीच हुई बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हुई- पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि ट्रैक्टर रैली को दिल्ली के बाहर आयोजित किया जाए. पुलिस ने 5 वैकल्पिक रूट्स का विकल्प दिया, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया. किसानों ने पुलिस को भरोसा दिया कि रैली शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जाएगी. अब दोनों पक्ष कल फिर चर्चा करेंगे.
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि आज की वार्ता बेनतीजा रही. हमें इसका दुख है. किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाए. लेकिन सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही है. हमने किसानों से कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें. ये किसानों के हित में है. हमने किसानों से कल अपना फैसला बताने को कहा है.
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी. सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है. मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा. वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा. इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है. इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती. नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है. कृषि मंत्री ने बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया.
किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है. आज की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने जो प्रस्ताव दिया है वह आपके हित के लिए है. इससे बेहतर हम कुछ नहीं कर सकते. अगर आप का विचार बने एक बार सोच लीजिए. हम फिर मिलेंगे, लेकिन अगली कोई तारीख तय नहीं की गई.
ब्रेक के बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक शुरू हो गई है. दोनों पक्षों के बीच ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है. कृषि कानून के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच ये 11वें दौर की वार्ता है. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं तो वहीं सरकार कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव किसानों के सामने रख चुकी है. इसके अलावा डेढ़ साल तक कृषि कानूनों पर रोक का भी प्रस्ताव सरकार ने किसानों को दिया था, जिसे ठुकरा दिया गया.
किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव पर कहा कि हमें ये स्वीकार नहीं हैं. हम तीनों कानूनों के वापसी के बिना आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे.
किसानों और सरकार के बीच बैठक लगातार चल रही है. किसान संगठनों ने एक बार फिर सरकार के कानून टालने वाले प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और तीनों कानून की वापसी की मांग कर रहे हैं.
किसानों के साथ बैठक में सरकार ने अपील की है कि संगठन एक बार फिर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करें. अभी बैठक में ब्रेक हुआ है, ऐसे में किसान संगठन इस प्रस्ताव पर फिर चर्चा करने में जुटे हैं. किसानों ने इस दौरान विज्ञान भवन में ही लंच किया.
किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी नेता उमा भारती का बयान आया है. उमा भारती का कहना है कि किसानों और सरकार को मिलकर बात करनी चाहिए. जैसा 1989 में हुआ था. किसी भी पक्ष के लिए ईगो रखना ठीक नहीं है.
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता शुरू हो गई है. विज्ञान भवन में ये वार्ता हो रही है. सरकार की ओर से कानून टालने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया है. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान ट्रैक्टर रैली जरूर निकालेंगे, हम तिरंगे के साथ रैली निकाल रहे हैं ऐसे में इसपर इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है.
किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में चर्चा होनी है. किसान नेता सिंघु बॉर्डर से निकल चुके हैं. बैठक से पहले किसान नेताओं का कहना है कि वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे और कानून वापस होने से पहले नहीं हटेंगे. किसान अब भी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हैं. शुक्रवार को पहले किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक होगी और उसके बाद पुलिस-किसानों के बीच ट्रैक्टर रैली को लेकर बैठक होगी.
आंदोलन को लेकर किसान नेता श्रवण सिंह ने बयान दिया है कि हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा, साथ ही गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली भी निकलेगी. हम देश के हर राज्य के किसानों से अपील करते हैं कि वो इसमें शामिल हो. बीजेपी की ओर से लगातार आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. लोग आंदोलन में घुसकर माहौल को बिगाड़ सकते हैं, ताकि आंदोलन को तोड़ सकें.
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है. बीते दिन पुलिस-किसानों में हुई बैठक बेनतीजा रही. किसान दिल्ली की रिंग रोड पर रैली निकालने को अड़े हैं, पुलिस किसानों को केएमपी एक्सप्रेसवे का ऑप्शन दे रही है. ऐसे में आज फिर होने वाली बैठक में इसपर कोई निर्णय निकलने की संभावना है.
शुक्रवार दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसान संगठन और सरकार के मंत्री एक बार फिर बातचीत के टेबल पर होंगे. सरकार ने पिछले बैठक में कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक टालने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, बीते दिन किसान संगठनों ने अपनी बैठक में निर्णय किया है कि वो इस प्रस्ताव को नहीं मानेंगे और तीनों कानून वापसी तक आंदोलन जारी रखेंगे. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते दिन गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मसले पर चर्चा की.