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टिकैत के आंसू-पुलिस की बैरंग वापसी, गाजीपुर में रातोरात कैसे पलट गई बाजी

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत की अगुवाई में यहां प्रदर्शनकारी दो महीनों से जमा हैं, बीते दिन यूपी सरकार ने सभी को हटाने का आदेश दिया. दोपहर तक आंदोलन खत्म होता भी दिख रहा था, लेकिन यूपी सरकार यहां पर कामयाब नहीं हो सकी.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (PTI) गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST
  • गाजीपुर बॉर्डर पर जारी है महासंग्राम
  • राकेश टिकैत की अपील के बाद जुटे किसान

गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद जो किसान आंदोलन कुछ ढीला पड़ता दिख रहा था, बीते दिन कुछ ऐसा हुआ कि उसमें फिर से जान आ गई है. अब किसान आंदोलन का पूरा सेंटर सिंघु बॉर्डर नहीं बल्कि दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर है.

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत की अगुवाई में यहां प्रदर्शनकारी दो महीनों से जमा हैं, बीते दिन यूपी सरकार ने सभी को हटाने का आदेश दिया. दोपहर तक आंदोलन खत्म होता भी दिख रहा था, लेकिन यूपी सरकार यहां पर कामयाब नहीं हो सकी. अब कुछ ही घंटों में गाजीपुर बॉर्डर की तस्वीर कैसे बदल गई, एक नज़र डालिए...

टिकैत को नोटिस, आंदोलन खत्म होने की आशंका
गुरुवार दोपहर को दिल्ली पुलिस की ओर से राकेश टिकैत को नोटिस थमाया गया. ट्रैक्टर परेड के दौरान तय शर्तों को तोड़ने, किसानों को उकसाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर जाकर ही नोटिस दिया. इसके कुछ ही देर बाद राकेश टिकैत ने दोपहर को माइक संभाला और भाषण में ये संकेत दिए कि आज रात को ही आंदोलन खत्म होगा. पहले सरेंडर की बात चली, फिर गिरफ्तारी की बात भी हुई. दूसरी ओर राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने भी अपने गांव में ऐलान कर दिया कि गुरुवार को ही गाजीपुर का धरना खत्म होगा. 

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प्रशासन का डेरा, सुरक्षाकर्मियों की फौज

शाम होते-होते यूपी सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को प्रदर्शनस्थल खाली कराने का आदेश दिया गया. गुरुवार शाम को नोएडा, गाजियाबाद के अधिकारी भारी सुरक्षाबल के साथ गाजीपुर बॉर्डर स्थल पर पहुंचे. राकेश टिकैत से बात की, वहां पर मौजूद टेंट, शौचालयों को हटाना शुरू कर दिया. गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया था, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से धरना हटवाने में सफल नहीं हो सका. 

टिकैत के आंसुओं से आया सैलाब

देर रात को जब पुलिसवालों ने राकेश टिकैत को समझाने की कोशिश की तो वो नहीं माने. इसी के बाद मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत खूब रोए और कहा कि किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. राकेश टिकैत ने धमकी भी दी कि अगर तीनों कानून वापस नहीं हुए तो वो आत्महत्या कर लेंगे. इसके बाद राकेश टिकैत ने अनशन शुरू किया और धरना स्थल से ना हटने की बात कही.

देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों में फिर जोश आ गया, मुजफ्फरनगर में भी नरेश टिकैत ने हजारों समर्थकों को संबोधित किया और महापंचायत का ऐलान कर दिया. इतना ही नहीं देर रात को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कई गांवों से किसान ट्रैक्टर लेकर निकल पड़े और गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंचे.

नहीं बन पाई यूपी पुलिस की बात

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गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल बदलता हुए देख यूपी प्रशासन के तेवर कुछ ढीले पड़े. देर रात को एक्शन को टाल दिया गया, साथ ही गाजीपुर बॉर्डर पर लाइट की बहाली कर दी गई. अब हर किसी की नज़रें शुक्रवार को किसानों और सरकार के रुख पर टिकी हैं. 

 

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